बिहार में पुल गिरने की घटनाओं पर सियासत तेज, जानें तेजस्वी से लेकर मांझी तक किसने क्या कहा…

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पटना: बिहार में लगातार हो रही पुल गिरने की घटनाओं पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पुल गिरने की घटनाओं को लेकर सरकार पर तंज कसा है। वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को लगता है कि इसमें राजनीतिक साजिश है।

मांझी ने कहा-सरकार को बदनाम करने की साजिश

केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शनिवार को गया में कहा कि पुल गिर रहे हैं, यह चिंता का विषय है। एक-दो महीने पहले पुल क्यों नहीं गिर रहे थे, अब क्यों गिर रहे हैं? उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि मुझे भी लगता है कि इसमें कोई साजिश है। वे सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “पहले पुल गिरने की इतनी घटनाएं होती थीं? एक-दो पुल गिरते थे, उन पर कार्रवाई होती थी। लेकिन, पुल लगातार गिर रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि सरकार को बदनाम करने के लिए जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जितने भी पुल गिरे हैं, सरकार उन सभी के ठेकेदारों और इंजीनियरों पर सख्त कार्रवाई कर रही है। भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए सरकार भी सतर्क है।

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तेजस्वी का सरकार पर तंज

इस बीच, राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने इंस्टाग्राम पर पुल ढहने की तस्वीरें पोस्ट कर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, “बधाई हो! बिहार में डबल इंजन सरकार की डबल पावर के कारण मात्र 10 दिनों में सिर्फ और सिर्फ 10 पुल ढहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली 3 दलों की डबल इंजन एनडीए सरकार ने 10 दिनों में 10 पुल ढहने पर बिहार की जनता को मंगलराज की शुभ और उज्ज्वल शुभकामनाएं भेजी हैं।”

उन्होंने कहा कि स्वयंभू ईमानदार लोग पुलों के ढहने से जनता के हजारों करोड़ रुपये बर्बाद होने को “भ्रष्टाचार” के बजाय “शिष्टाचार” बता रहे हैं। तेजस्वी यादव ने आगे लिखा, “गोदी मीडिया द्वारा प्रमाणित सत्यनिष्ठ और निश्छल नेता, जो विपक्ष को भ्रष्टाचार का नारंगी सर्टिफिकेट बांटते हैं और पक्षपातपूर्ण पत्रकारिता में धरती-आसमान की सभी रैंकिंग में नंबर 1 हैं, वे सुशासन के इन कारनामों पर अपना मुंह क्यों नहीं खोलते? जब पुल जल समाधि ले लें, तो विपक्षी नेताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए।”

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