Zakir Hussain Death: विश्व प्रसिद्ध तबला वादक “उस्ताद” जाकिर हुसैन का यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार ने इसकी पुष्टि की। आज जारी एक बयान में परिवार ने कहा कि हुसैन का निधन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से उत्पन्न जटिलताओं के कारण हुआ। उन्होंने 73 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।
Zakir Hussain Death: परिवार ने की पुष्टि
सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल अखबार के अनुसार, उनके परिवार के प्रवक्ता जॉन ब्लेचर ने कहा कि हुसैन का निधन दोपहर 3:42 बजे हुआ। उनके अंतिम क्षणों में परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे। वे 1970 के दशक में मुंबई से मैरिन काउंटी चले गए थे। वहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगीतकारों के साथ काम किया। वे अलोंजो किंग्स लाइन्स बैले जैसी डांस कंपनियों के साथ मिलकर काम करते थे। अमेरिकी ड्रमर नैट स्मिथ ने अपनी पोस्ट में लिखा, “आपने हमें जो संगीत दिया, उसके लिए आपका धन्यवाद।
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परिवार के प्रवक्ता जॉन ब्लेचर के मुताबिक, वे दो सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहे। जब उनकी हालत बिगड़ी तो उन्हें आईसीयू में ले जाया गया, जहां उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला भी हैं और उनकी बेटियां अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी हैं। 9 मार्च 1951 को जन्मे जाकिर प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा के पुत्र हैं।
Zakir Hussain: 2023 में पद्म विभूषण से किया गया सम्मानित
अपने करियर में उन्होंने रविशंकर, अली अकबर खान और शिवकुमार शर्मा समेत भारत के लगभग सभी प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ काम किया। पश्चिमी संगीतकारों यो-यो मा, चार्ल्स लॉयड, बेला फ्लेक, एडगर मेयर, मिकी हार्ट और जॉर्ज हैरिसन आदि के साथ उनकी जुगलबंदी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाया। जाकिर हुसैन को अपने करियर में चार ग्रैमी पुरस्कार मिले हैं। उन्हें 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।