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रिमांड पर पर भेजे गए ISIS मॉड्यूल पर काम करने वाले संदिग्ध, आतंकी घटना को अंजाम देने...

  ISIS-linked terror module busted in Jabalpur 3 arrested भोपालः मध्य प्रदेश के जबलपुर से गिरफ्तार आईएसआईएस के लिए काम करने वाले आरोपी सैयद मामूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को शनिवार को भोपाल में एनआईए की विशेष अदालत रघुवीर पटेल की अदालत में पेश किया गया। जहां केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पुलिस रिमांड नहीं मांगी तो कोर्ट ने उन्हें 8 जुलाई तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। तीनों आरोपियों को पुलिस द्वारा अदालत परिसर में विशेष सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत लाया गया, जहां उन्हें एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। आरोप है कि ये आतंकी संगठन आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़े हैं और भारत में रहते हुए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। एनआईए को इनसे जुड़ी अब तक की जांच में हिंसक आतंकी घटना के सबूत मिले हैं। इसी सिलसिले में 27 मई को गिरफ्तार किए गए इन आरोपियों ने अपने आतंकी कनेक्शन का कबूलनामा भी स्वीकार कर लिया है। इससे पहले दूसरी पेशी में कोर्ट ने उसका 10 जून तक रिमांड दिया था। पहली पेशी में कोर्ट ने तीन जून तक सात दिन की रिमांड आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) को सौंपी थी। मामले में आगे की सुनवाई के बाद अब उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। गौरतलब है कि इन तीन संदिग्ध आईएसआईएस आतंकियों के पास से बरामद आपत्तिजनक सामग्री और योजना संबंधी दस्तावेजों से कई खुलासे हुए हैं। जिसमें अहम यह है कि वह और उसका पूरा मॉड्यूल भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना पर काम कर रहे थे। उनके संगठन का लक्ष्य भारत में शरिया कानून को लागू करना है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा की गई अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि तीनों आरोपी इस्लाम के प्रति अत्यधिक कट्टर हैं और दूसरे धर्म या पंथ के लोगों के प्रति असहिष्णु हैं। उनकी योजना हिंसक जिहाद को अंजाम देने की थी। इसके लिए वे चंदा इकट्ठा कर रहे थे। जो पैसा इकट्ठा करते थे, उसका इस्तेमाल आईएसआईएस के लिए प्रचार सामग्री खरीदने और अन्य आपत्तिजनक कामों में कर रहे थे। आदिल के 'दावे' के जरिए आईएसआईएस के प्रचार में शामिल होने के सबूत मिले हैं। सैयद मामूर अली ने 'फिसाबिलिल्लाह' के नाम से एक समूह बनाया। वह इसी नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी चला रहा था, जिसमें पाकिस्तान समेत कई इस्लामिक देशों के लोग भी जुड़े हुए थे और सभी जिहादी योजनाओं से जुड़े आपसी संवाद करते पाए गए। शाहिद हथियार जमा करने की फिराक में था। उसका भारत में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने का प्लान था। यह मॉड्यूल स्थानीय मस्जिदों और घरों में बैठकें करता था और देश में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा था। वे कई यूट्यूब चैनल, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप चला रहे थे। यह भी पढ़ेंः-बंगाल पंचायत चुनाव: बागी हुए TMC विधायक करीम चौधरी, CM को लेकर कही ये दी बड़ी बात इनके पास से बरामद सामग्री में यह भी खुलासा हुआ है कि इन सभी का इस्तेमाल युवाओं को बरगलाने, भर्ती करने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था। इन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और मध्य प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अपने संयुक्त अभियान में जबलपुर से 26-27 मई की मध्यरात्रि को पकड़ा था। उस समय जबलपुर में एक साथ 13 जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। तत्काल उनके पास से धारदार हथियार, गोला-बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)