नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय से हिजाब मामलों वाली याचिकाओं को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए एक विशिष्ट तारीख देने इनकार कर दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।
सिब्बल ने प्रस्तुत किया कि यह कर्नाटक में जो हो रहा है और पूरे देश में फैल रहा है, याचिका उससे संबंधित है। मुख्य न्यायाधीश ने सिब्बल से कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहा है और इसे इस पर फैसला करने की अनुमति दी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा, “हमें इस स्तर पर क्यों आना चाहिए? यह अच्छा नहीं लग रहा है।”
सिब्बल ने कहा कि परीक्षाएं सिर्फ दो महीने दूर हैं और उनके मुवक्किल ने आज (गुरुवार) याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि पहले उच्च न्यायालय को मामले की सुनवाई करने दें। सिब्बल ने कहा कि शीर्ष अदालत स्थानांतरण याचिका को सूचीबद्ध कर सकती है और इसे लंबित रख सकती है। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा मामले में हस्तक्षेप करने के बाद, उच्च न्यायालय यह कहकर इसपर कभी सुनवाई नहीं करेगा कि यह मुद्दा शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है।
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सिब्बल ने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है, क्योंकि स्कूल और कॉलेज बंद हैं। पीठ ने दोहराया, “हाईकोर्ट को पहले इसे सुनने दें।” सिब्बल ने जोर देकर कहा कि वह केवल शीर्ष अदालत से याचिका को सूचीबद्ध करने के लिए कह रहे हैं, और यदि उच्च न्यायालय आदेश पारित नहीं करता है, तो यह अदालत इसे अपने पास स्थानांतरित कर सकती है और सुनवाई कर सकती है। मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद, मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हम इसको देखेंगे।” उडुपी कॉलेज की छात्रा फातिमा बुशरा ने इस संबंध में याचिका दायर की है।
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