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Sri lanka Crisis: सिंगापुर पहुंचने के बाद गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा, श्रीलंका में जश्न

कोलंबोः भीषण आर्थिक व राजनीतिक संकट झेल रहे श्रीलंका (sri lankan) के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जनाकांक्षाओं के आगे झुकते हुए इस्तीफा देना ही पड़ा। श्रीलंका से भाग कर मालदीव के रास्ते सिंगापुर पहुंचे गोटबाया के इस्तीफे से श्रीलंका में जश्न का माहौल है। इस बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है।

श्रीलंका (sri lankan) में निवर्तमान राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को लेकर विरोध इस कदर बढ़ गया था कि बीते शनिवार को जनता ने राष्ट्रपति भवन घेर लिया तो गोटबाया को परिवार सहित घर छोड़कर भागना पड़ा। तब उन्होंने 13 जुलाई को इस्तीफा देने की बात कही थी किन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया। मालदीव से वे सिंगापुर पहुंचे और वहां से ई-मेल पर संसद के अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजा। गोटबाया के इस्तीफे के बाद श्रीलंका में जश्न का माहौल है। लोग सड़कों पर उतरकर नाच रहे हैं। गोटबाया के इस्तीफे को प्रदर्शनकारी अपनी जीत करार दे रहे हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री आवास खाली करना भी शुरू कर दिया है। गुरुवार रात गोटबाया के इस्तीफे की जानकारी आते ही भारी संख्या में लोग कोलंबो की सड़कों पर निकले और जश्न मनाया। इस दौरान पटाखे भी फोड़े गए और लोग मस्ती में झूमते हुए भी दिखाई दिये।

गोटबाया के इस्तीफे के बाद अब श्रीलंका में नए सिरे से सत्ता संघर्ष भी शुरू हो गया है। श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने बताया कि गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नया राष्ट्रपति चुने जाने तक प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे। साथ ही नए राष्ट्रपति को चुनने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। इसके लिए सांसदों को बुलाया गया है।

सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि

सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि करते हुए कहा है कि गोटबाया को निजी यात्रा पर देश में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि गोटबाया राजपक्षे की तरफ से शरण देने का कोई अनुरोध नहीं किया गया है। राजपक्षे गुरुवार शाम मालदीव से सिंगापुर पहुंचे। उनका विमान सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट पर लैंड करते हुए दिखाई दिया। राजपक्षे जैसे ही सिंगापुर पहुंचे, वहां की सरकार ने बयान जारी कर कहा कि उसने गोटबाया को किसी तरह की राजनीतिक संरक्षण नहीं दिया है। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजपक्षे एक प्राइवेट विजिट यानी निजी यात्रा पर सिंगापुर आए हैं और इसी आधार पर उन्हें प्रवेश की अनुमति दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने शरण नहीं मांगी है। बयान में कहा गया कि राजपक्षे ने न ही शरण मांगी है और न उन्हें शरण दी गई है।

राष्ट्रपति भवन पर सेना का कब्जा

श्रीलंका (sri lankan) में सेना ने राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया है और प्रदर्शनकारी पीछे हट गए हैं। कुछ पत्रकारों और सेना के जवानों के अलावा इस भवन में कोई नहीं है। बीते शनिवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने देश की सबसे प्रमुख इमारत को अपने कब्जे में ले लिया था। देश में शांति व्यवस्था कायम करने और हालात को काबू में करने के लिए सेना को कानून के तहत बल प्रयोग का अधिकार दे दिया गया है।

प्रदर्शनकारियों को चेतावनी

श्रीलंकाई सेना ने एक बयान में प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है कि वे सभी प्रकार की हिंसा से दूर रहें या नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें क्योंकि मानव जीवन को खतरे, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की स्थिति में सशस्त्र बलों के सदस्यों को कानूनी रूप से बल का प्रयोग करने का अधिकार है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय और संसद के मुख्य मार्ग पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद कम से कम 84 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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