Sengol In Parliament, नई दिल्लीः 18वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के लखनऊ की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी (RK Chaudhary) ने सेंगोल का मुद्दा उठाया है। आरके चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर संसद भवन में लगे ‘सेंगोल’ को हटाने की मांग कर डाली। यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ऐसी अजीबोगरीब मांग से सब हैरान है, वहीं ज्यादातर सांसद इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का जरिया मान रहे हैं।
संसद से ‘सेंगोल’ हटाने की मांग पर मचा घमासान
दरअसल, सपा सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर संसद भवन में लगे सेंगोल को हटाने की मांग की है और इस स्थान पर संविधान की एक कॉपी रखने का अनुरोध किया है। आरके चौधरी ने यह भी कहा है कि सेंगोल राजाओं-महाराजाओं का प्रतीक होता है, जिसे संसद भवन के उद्घाटन के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास लगाया गया था। सेंगोल के खिलाफ सपा नेता के इस बयान की हर तरफ आलोचना हो रही है।
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने सपा सांसद आरके चौधरी की सेंगोल पर की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पहले उन लोगों की बात करनी चाहिए जिनके साथ वह खड़े हैं, संविधान की नहीं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जब संसद में सेंगोल की स्थापना हुई थी, तब भी समाजवादी पार्टी सदन में थी, उस समय उनके सांसद क्या कर रहे थे और अब क्यों विरोध कर रहे हैं।
Sengol पर सांसद रवि किशन का बयान
केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि जो सपा सांसद ऐसा कह रहे हैं, उन्हें पहले संसदीय परंपराओं को जानना चाहिए और फिर बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस सेंगोल को वे हटाने की बात कर रहे हैं, वह स्वाभिमान का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उन्हें संविधान और संसदीय परंपराओं को भी देखना चाहिए। वहीं गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि सपा सांसद कुछ भी बोल सकते हैं। वे भगवान राम की जगह लेना चाहते हैं, हाल ही में उन्होंने अपने सांसद की तुलना भगवान राम से की। इन बातों का कोई मतलब नहीं है।
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Sengol: अखिलेश यादव ने किया समर्थन
उधर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सांसद आरके चौधरी द्वारा लोकसभा से सेंगोल को हटाकर उसकी जगह संविधान की विशाल प्रति लगाने के संबंध में लोकसभा अध्यक्ष को लिखे गए पत्र का समर्थन किया है। अखिलेश ने कहा कि सेंगोल की जगह संविधान की प्रति लगाने में सरकार को क्या परेशानी है?
हालांकि संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए सपा सांसद आरके चौधरी ने कहा कि जब उन्होंने लोकसभा में राजदंड और राजशाही के प्रतीक सेंगोल को देखा तो उन्होंने तुरंत इसे हटाने के लिए पत्र लिख दिया क्योंकि लोकतंत्र में इसका कोई स्थान नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पत्र लिखने से पहले उनकी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से कोई बात नहीं हुई थी, आज पत्र चर्चा में आने के बाद उन्होंने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात की है। उन्होंने कहा कि वह अपनी मांग को लेकर सहयोगी दलों से भी बात करेंगे।