लखनऊः यदि आप खेती कर ज्यादा लाभ कमाना चाहते हैं, तो मक्का आपके लिए उत्तम फसल है। इसकी मांग दिनों-दिन बढ़ रही है और दाम भी बेेहतर मिलते हैं। कम समय में यदि मक्का तैयार करना चाहते हैं, तो इसके भी बीज बाजार में उपलब्ध हैं।
इन दिनों रबी फसल की कटाई चल रही है। यह फसल कटते ही खेत खाली हो जाएंगे। इन खाली खेतों में तमाम किसान सब्जियां बोते हैं। कुछ किसान अपने खेतों को खाली छोड़ देते हैं। आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को अपने खेत खाली नहीं छोड़ना चाहिए। इनमें बोने के लिए कई ऐसी फसलें भी हैं, जिनमें पानी का खर्च काफी कम होता है। इसके साथ ही यदि सब ठीक रहा, तो किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिल जाता है। इन मुनाफे वाली फसल में मक्का का भी नाम आता है। मक्का इन दिनों खूब पसंद किया जाता है। इसके हाईब्रिड बीज भी बिकने लगे हैं। इनमें साठी मक्का की खेती किसानों के लिए दोगुनी लाभ दे सकती है।
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लागत कम, दो महीने में तैयार हो जाती है फसल –
साठी मक्का की खेती में काफी कम लागत लगती है। मक्का की सिंचाई भी केवल औपचारिक ही रहती है। हाईब्रिड बीजों वाले मक्का की कटाई 60 से 70 दिनों में शुरू हो जाती है। इसमें निराई-गुड़ाई भी सरलता से होती है। मक्के की खेती के लिए हमारे यहां की जलवायू और मिट्टी दोनों अनुकूल हैं। साठी मक्का के लिए अप्रैल का समय बेहतर माना गया है। इसे पूरे अप्रैल तक बो सकते हैं। हालांकि, आधुनिकता में भरोसा करने वाले किसान इसे मई से जून के मध्य माह भी बोते हैं। इनको भी मक्का की खेती का अच्छा लाभ मिलता है। किसानों को पारंपरिक फसलों में मक्का शामिल करने का कारण है कि यहां की मिट्टी दोमट और बलुई है। यह दोनों मक्का के लिए उत्तम हैं। एक एकड़ में छह किलो बीज और जुताई का खर्च उठाने के बाद और अधिक खर्च नहीं रहता है, लेकिन यदि 90 फीसदी बीज उग आए और जानवरों से इसकी रक्षा कर ली गई तो मुंहमांगी कीमत भी मिलती है। इसके दाने से ज्यादा भुट्टा की खपत होती है और व्यापारी इसे खेतों में ही खरीद लेते हैं।
– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट
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