Home उत्तर प्रदेश एबीसी बदलने की धीमी रफ्तार 12 लाख उपभोक्ताओं पर पडे़गी भारी

एबीसी बदलने की धीमी रफ्तार 12 लाख उपभोक्ताओं पर पडे़गी भारी

Lesa News: राजधानी में इन दिनों एरियल बंच कंडक्टर (एबीसी) बदलने का काम चल रहा है। इसके चलते राजधानी के लगभग सभी क्षेत्रों में दिन के समय शटडाउन लिया जा रहा है। लेसा के अफसरों की ओर से शटडाउन का शेड्यूल भी जारी किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार लेसा में एबीसी बदलने का करीब 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। हालांकि, राजधानी में जिस रफ्तार से एबीसी बदलने का काम हो रहा है, उससे आगामी अगस्त माह तक यह काम पूरा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में एबीसी बदलने के काम के चलते राजधानीवासियों को गर्मियों में बिजली संकट झेलना तय माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राजधानी समेत प्रदेश भर में गर्मियों में बेहतर विद्युत आपूर्ति हो सके, इसके लिए कार्य कराए जा रहे हैं।

इस क्रम में ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड समेत जरूरत के अनुसार नए ट्रांसफार्मर लगाने और जर्जर तारों को बदलने का काम कराया जा रहा है। गर्मियों को बेहतर विद्युत आपूर्ति को लेकर यूपीपीसीएल प्रबंधन बीते फरवरी माह को अनुरक्षण माह घोषित किया था। इसके तहत सभी जोनों को नए ट्रांसफार्मर लगाने व ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करने का बाकायदा लक्ष्य तय किया था। हालांकि, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि व नए ट्रांसफार्मर लगाने के मामले में तय लक्ष्य से कोसों दूर रह गया। अब मध्यांचल के लेसा जोन में एबीसी बदलने की धीमी रफ्तार यूपीपीसीएल के मंसूबों को नाकाम साबित करने वाली प्रतीत हो रही है।

दरअसल, बीते व उसके पूर्व के वर्ष में गर्मियों में उपभोक्ताओं को भयंकर बिजली संकट झेलना पड़ा था। बिजली की मांग बढ़ने पर ट्रांसफार्मरों के फुंकने और जर्जर तारों के चलते ट्रिपिंग का सिलसिला बढने से घंटों विद्युत आपूर्ति बाधित हुई थी। बीते वर्ष गर्मियों में बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर फुंके, जिसके चलते उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति लंबे समय तक बाधित रही और पावर कारपोरेशन करोड़ों रुपए की राजस्व हानि भी उठानी पड़ी थी।

गर्मी में कटौती मुक्त बिजली के निर्देश

पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने गर्मी में कटौती मुक्त विद्युत आपूर्ति करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। प्रबंधन ने निर्देशित किया है कि गर्मी में किसी भी स्तर पर बिजली आपूर्ति में व्यवधान नहीं होना चाहिए। प्रत्येक जनपद में अनुरक्षण व इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पर्याप्त धनराशि दी जा चुकी है। ऐसे में अब बेहतर विद्युत आपूर्ति की अपेक्षा प्रबंधन कर रहा है। इसके लिए सबस्टेशन, ट्रांसफार्मरों व लाइनों का नियमित निरीक्षण व अनुरक्षण किया जाए। ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त न हों, इसके लिए मुख्य अभियंता से लेकर अवर अभियंता तक अपने-अपने क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर का निरीक्षण कर उनकी सुरक्षा और अनुरक्षण सुनिश्चित करें। सबस्टेशन का निरीक्षण कर सभी जरुरी कार्य जल्द पूरा करा लिए जाएं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें) 

Exit mobile version