Holi 2024, Lucknow: होली का त्योहार मनाने वालों की भीड़ सबसे अधिक पुराने लखनऊ में रहती है। चैक की होली को ऐतिहासिक माना गया है। होली के दिन चैक क्षेत्र में करीब दो किलोमीटर तक जुलूस जैसा नजारा रहता है। यहां हाथी, घोड़ा, ऊंटों की सवारी निकलती है। बताया जाता है कि यह परम्परा नवाबों के जमाने की है। हालांकि, इस बार लोकसभा चुनावों के कारण तैयारियां फीकी हैं, लेकिन आयोजकों का कहना है कि हर साल की तरह ही धूमधाम देखने को मिलेगा।
निगम पर होगी सफाई और पानी की व्यवस्था
नगर निगम के जोन अधिकारी भी रूट चार्ट के अनुसार सफाई व्यवस्था कराते हैं। सड़कों की सफाई के अलावा पीने के पानी की व्यवस्था भी हर साल निगम की ओर से की जाती है। चैक के इस खास आयोजन में शामिल पार्षद अनुराग मिश्रा ने बताया कि होली के दिन यहां के नवाब जनता के साथ होली खेलने के लिए बाहर निकलते थे। उनकी सवारी हाथी होती थी इसीलिए होली के जुलूस पर हाथी टोली की शान बनता है।
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मोहल्ले से जब टोलियां निकलती हैं तो इनमें मौजूद ढोल-नगाड़े पूरे इलाके को खुशियों में सराबोर कर देते हैं। बड़ी संख्या में मौजूद लोगों की टोली होली के दिन चैपटियां से सुबह के दौरान ही निकल पड़ती है। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है। इस पूरे इलाके में लाउडस्पीकर और बैंड की आवाज घंटों गूंजती रहती है। गलियों तक में भीड़ ही भीड़ दिखती रहती है। चैक, चैपटियां, ठाकुरगंज, फतेहगंज, मकबूलगंज, हुसैनाबाद, कैसरबाग, सदर आदि इलाकों के लोग यहां होली खेलने आते हैं।
मनकामेश्वर मंदिर में खेली जाएंगी फूलों की होली
यहां गुलाल के साथ गुलाब और गेंदे की पंखुड़ियां भी बरसाईं जाती हैं। नजारा ऐसा होता है कि मानो फूलों की बारिश हो रही हो। उधर डालीगंज में भी होली के मौके पर उत्साह देखने लायक रहता है। यहां नगाड़ों की आवाज पर नृत्य की परंपरा है। मनकामेश्वर मंदिर में फूलों की होली खेली जाती है। यहां फाल्गुन शुक्ल एकादशी पर मंदिर में गुलाल भी चढ़ाया गया।
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