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सीतारमण ने कहा- वित्तीय वर्ष 2022-23 में जम्मू-कश्मीर का रखा जाएगा खास ख्याल

Union Finance Minister Nirmala Sitharaman greets during the credit outreach programme and the launch of various schemes and projects

जम्मू: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने जम्मू कश्मीर के दौरे के दूसरे दिन जम्मू विश्व विद्यालय के जनरल जोरावर सिंह सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में जम्मू-कश्मीर का खास ख्याल रखा जाएगा और जम्मू-कश्मीर में विकास की जो नई कहानी लिखी जा रही है व उसे और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट तैयार करने से पूर्व वह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल व चीफ सेक्रेटरी समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को दिल्ली बुलाकर उनसे विशेष चर्चा करेगी और जम्मू-कश्मीर की जरूरतों को ध्यान में रखकर बजट में विशेष प्रावधान रखा जाएगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर को एक विकसित प्रदेश के रूप में देखना चाहते है और उनके इस सपने को पूरा करने के लिए केंद्र हर संभव सहयोग करेगा। जम्मू-कश्मीर में बैंकिंग सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने का दावा करते हुए सीतारमण ने कहा कि वह प्रयास करेंगी कि देश के अन्य सार्वजनिक बैंक भी प्रदेश में अपना नेटवर्क स्थापित करें ताकि लोगों की हर जरूरत आसानी से पूरी हो सके।

कार्यक्रम के दौरान सीतारमण ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार सृजन योजना तथा कई अन्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को मंजूरी पत्र सौंपने तथा जम्मू-कश्मीर की विभिन्न शाखाओं का ई-उद्घाटन करने के अलावा उद्योग व वाणिज्य विभाग जम्मू की निदेशक अनु मल्होत्रा को इंडस्ट्रियल कलस्टर डेवलपमेंट स्कीम के तहत 200 करोड़ रुपये का चेक भी सौंपा।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से कर्ज लेकर न चुकाने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार बैंकों के माध्यम से लोगों तक आसानी से पैसा तो उपलब्ध करा देगी लेकिन जो लोग यह सोचते है कि वे बैंकों से कर्ज लेकर नहीं चुकाएंगे वो संभल जाएं। सीतारमण ने कहा कि बैंकों का पैसा आम आदमी का पैसा है और किसी को भी इसमें डाका डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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इसी बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार व पारदर्शिता आई है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले दरवाजे से नियुक्तियां होती रही हैं। जम्मू कश्मीर में लगे 5 लाख कर्मचारियों में से 2.5 लाख तो पिछले दरवाजे से लगे हुए हैं।

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