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लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए बाहर आएंगे मनीष सिसोदिया? कोर्ट ने ED-CBI से मांगा जवाब

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Manish Sisodia Bail Plea: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर ईडी और सीबीआई से जवाब मांगा। सिसोदिया ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मांगी है। राउज एवेन्यू कोर्ट की जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को तय की है।

18 अप्रैल तक बढ़ी है न्यायिक हिरासत

न्यायाधीश बावेजा ने बुधवार को कहा था कि वह शराब नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 15 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगी। अदालत ने सिसौदिया के वकील की दलीलें सुनीं, जिन्होंने कहा कि जांच एजेंसी दोनों पक्षों के समक्ष पहले दी गई दलीलों को दोहरा रही है।

मामले में आप नेता की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी गई थी। पिछली बार ईडी ने कहा था कि सिसोदिया और अन्य आरोपी मामले की सुनवाई में देरी कर रहे हैं। आपको बता दें कि ईडी और सीबीआई दोनों शराब घोटाले में सिसौदिया की भूमिका की जांच कर रही हैं। सिसौदिया को पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।

 इससे पहले की सुनवाई में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी गई थी। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को उनकी पिछली न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद राउज़ एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष पेश किया गया था।  सिसोदिया की जमानत याचिका पर बहस के दौरान उनके वकील ने मामले की जांच पूरी करने में देरी का आरोप लगाया था।

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वकील माथुर ने रखी थी ये दलीलें

सिसोदिया के वकील मोहित माथुर ने तर्क दिया था कि जांच समाप्त होने के 11 महीने बीत जाने के बावजूद, उनके मुवक्किल को कथित रिश्वत के पैसे से जोड़ने का कोई सबूत नहीं मिला है। राउज़ एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के सामने माथुर ने दलीलें पेश कीं, जिसमें उन्होंने सीबीआई के सरकारी वकील की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया।

माथुर ने दोहराया था कि अपराध की कथित आय से सरकारी खजाने या निजी उपभोक्ताओं को किसी नुकसान का कोई सबूत नहीं है। मुकदमे में देरी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें अदालत जाने की इजाजत देने वाला सुप्रीम कोर्ट का आदेश छह महीने पुराना था और अब तक जांच पूरी हो जानी चाहिए थी। एक अन्य आरोपी बेनॉय बाबू को दी गई जमानत का हवाला देते हुए, माथुर ने सिसोदिया की जमानत के लिए दलील देते हुए कहा था कि वह अब प्रभावशाली स्थिति में नहीं हैं।

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