भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार द्वारा मंगलवार को मौजूदा वित्त वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया। बुधवार, 22 दिसम्बर को इस पर सदन में चर्चा होगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय निर्धारित किया है।
विधानसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 21 हजार 584 करोड़ रुपये से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया, जिसमें विकास योजनाओं व निर्माण कार्यों के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। खास बात यह है कि अनुपूरक बजट की कुल राशि का 34 फीसदी हिस्सा केंद्र की योजनाओं के लिए रखा गया है। सबसे अधिक राशि 4,602 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के लिए किया गया है।
अनुपूरक बजट में मेट्रो, स्मार्ट सिटी, सड़क और सिंचाई परियोजना के लिए वित्तीय प्रावधान किए हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपए रखे गए हैं। सड़क और पुलों के लिए 2500 करोड़, बिजली कंपनियों की हानियों के लिए 1 हजार 100 करोड़ रुपए सहित अन्य कार्यों के लिए 2 हजार 225 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
राज्य सरकार सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता में रखा है। नर्मदा बेसिन कंपनी के लिए 1500 करोड़, कालीसिंध लिंक परियोजना के लिए 280 करोड़, बरगी परियोजना के लिए 140 करोड़, नर्मदा- पार्वती लिंक परियोजना के लिए 115 करोड़, गंभीर लिंक व ओंकारेश्वर परियोजना के लिए 50-50 करोड़, नर्मदा नदी के किनारे घाट निर्माण के लिए 8 करोड़ रुपए, चिंकी बैराज के लिए 5 करोड़, सहित अन्य योजनाओं के लिए बजट प्रावधान किया गया है।
अनुपूरक बजट में ब्याज के भुगतान के लिए 2500 करोड़ रुपए, नागरिक आपूर्ति निगम को अंशपूंजी के लिए 500 करोड़, मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता के लिए एक हजार करोड़, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 922 करोड़, मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के लिए 100 करोड़, जल जीवन मिशन के लिए 300 करोड़, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के लिए 200 करोड़, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के लिए दो हजार 699 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा स्मार्ट सिटी योजना के लिए 549 करोड़, नगरीय निकायों के लिए एक हजार करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना 4602 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2 हजार करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 600 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 150 करोड़ रुपये, पिछड़ा वर्ग कल्याण की छात्रवृत्ति के लिए 100 करोड़ और पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के लिए 50 लाख रुपये का प्रावधान किया है।