SA vs BAN, T20 World Cup: न्यूयॉर्कः टी20 वर्ल्ड कप 2024 के 21वें मैच में साउथ अफ्रीका ने बांग्लादेश को हरा दिया। अफ्रीका की यह ऐतिहासिक जीत रही। प्रोटियाज टीम ने इस मैच में वो कर दिखाया जो अब तक कोई टीम नहीं कर पाई। यह टी20 वर्ल्ड कप की ऐतिहासिक जीत बन गई। जबकि बांग्लादेश को अंपायर के एक गलत फैसले का खामियाजा भुगतना पड़ा। इस हार में आईसीसी के एक नियम की भी बड़ी भूमिका भी रही।
दरअसल, बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में अफ्रीका ने टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास का सबसे कम स्कोर डिफेंड किया। अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 6 विकेट पर 113 रन का स्कोर ही बना पाई। फिर बाद लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश को 109 रनों पर ही रोक दिया। इस तरह अफ्रीका ने 4 रन से जीत दर्ज की।
109 रन ही बना सकी बांग्लादेश की टीम
अफ्रीका का क्लासेन और मिलर ने 79 गेंदों में 79 रनों की अहम साझेदारी के दम पर इस टोटल तक पहुंच सका। क्लासेन ने 44 गेंदों में 46 रन बनाए, वहीं मिलर ने 38 गेंदों में 29 रन बनाए। जवाब में बांग्लादेश की टीम 20 ओवर में 7 विकेट पर 109 रन ही बना सकी। बांग्लादेश के लिए तौहीद ने सबसे ज्यादा 37 रन बनाए, बाकी सभी बल्लेबाज अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने सरेंडर करते नजर आए।
अंपायर के फसले पर उठे सवाल
उधर मैच के बाद खराब अंपायरिंग को लेकर विवाद बढ़ गया है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बांग्लादेश की हार के बाद अंपायर के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल बांग्लादेश की पारी के 17वें ओवर के दौरान ओटनील बार्टमैन की गेंद महमूदुल्लाह के पैर पर लगी और चौका चला गया। इस पर दक्षिण अफ्रीका ने एलबीडब्लू की अपील की और अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया। बांग्लादेश ने फैसले के खिलाफ डीआरएस का इस्तेमाल किया और तीसरे अंपायर ने महमूदुल्लाह को नॉट आउट करार दिया। चूंकि अंपायर ने आउट दिया था, इसलिए इस गेंद को डेड बॉल करार दिया गया, जिसके कारण बांग्लादेश को वो चौका नहीं मिला और अंत में बांग्लादेश की हार का अंतर भी चार रन रहा।
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तौहीद हृदॉय ने की अंपायर के फैसले की आलोचना
अंपायर के इस फैसले और अपनी हार से नाराज बांग्लादेश के बल्लेबाज तौहीद हृदॉय ने अंपायर के फैसले की आलोचना की। तौहीद हृदॉय ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो इतने रोमांचक मैच में हमारे लिए यह अच्छा फैसला नहीं था। मेरे हिसाब से अंपायर ने महमूदुल्लाह को आउट करार दिया, लेकिन हमारे लिए यह काफी मुश्किल फैसला था। वे चार रन मैच का नतीजा बदल सकते थे। नियम हमारे हाथ में नहीं हैं। उस समय वो चार रन काफी अहम थे।
अंपायर ने फैसला लिया और वो भी इंसान है इसलिए उससे भी गलतियां हो सकती हैं। उसने कुछ मौकों पर वाइड गेंदों को वाइड नहीं करार दिया। ऐसे मैदान पर जहां कम स्कोर वाले मैच खेले जा रहे हों, एक या दो रन काफी मायने रखते हैं।” 23 वर्षीय बल्लेबाज ने माना कि इस करीबी मुकाबले में अंपायरिंग का स्तर बेहतर हो सकता था, खासकर तब जब कोई टीम छोटे लक्ष्य का पीछा कर रही हो।
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