नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने डरा धमका कर, प्रलोभन देकर और काला जादू या अंधविश्वास का सहारा लेकर हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून लाने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने 22 नवम्बर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।
भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर याचिका में कहा है कि गाजर और छड़ी, काले जादू का उपयोग कर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। ऐसी घटनाएं पूरे देश में आम हैं। याचिका में कहा गया है कि इस तरह के धर्म परिवर्तन समाज के कमजोर तबके खासकर एससी-एसटी समुदाय से जुड़े लोगों का कराया जाता है।
याचिका में कहा गया है कि जबरन धर्म-परिवर्तन न केवल संविधान की धारा 14, 21 और 25 का उल्लंघन है बल्कि संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें इन खतरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने में नाकाम रही हैं। याचिका में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों में भी प्रावधान है कि राज्य अपने नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले प्रयासों से बचाने के लिए बाध्य है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)