नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) देश में एक ही लोकेशन पर मेडिकल यूज़ में आने वाले लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। आरआईएल ने एक प्रेस वक्तव्य जारी करके ये दावा किया है।
कंपनी की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि कंपनी ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन के उत्पादन के क्षेत्र में 1000 मीट्रिक टन गैस उत्पादन की क्षमता हासिल कर ली है। फिलहाल कंपनी पूरी क्षमता से मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है। आरआईएल फिलहाल देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है, ताकि कोरोना के इस संक्रमण काल में ज्यादा से ज्यादा मरीजों तक समय रहते ऑक्सीजन पहुंचाया जा सके।
कंपनी के बयान में बताया गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज परंपरागत रूप से मेडिकल यूज वाले ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं करती है। इसलिए मेडिकल ग्रेड लिक्विड ऑक्सीजन का निर्माण रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शून्य क्षमता से शुरू किया है, लेकिन कंपनी के सुनियोजित प्रयास और कर्मचारियों के लगन के बल पर आरआईएल अब किसी एक लोकेशन पर मेडिकल ग्रेड लिक्विड ऑक्सीजन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज फिलहाल जामनगर के रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स और वहां की दूसरी इकाइयों से प्रतिदिन 1000 मीट्रिक टन मेडिकल ग्रेड लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही है, जो भारत के कुल ऑक्सीजन उत्पादन का 11 फीसदी है। बयान में कंपनी ने ये दावा भी किया है कि कोरोना संकट के कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड देशभर के कई राज्यों को फ्री में इस ऑक्सीजन की सप्लाई कर रही है।
उल्लेखनीय है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपने काम के लिए पहले रिफायनिंग और पेट्रोकेमिकल ग्रेड का ऑक्सीजन बनाती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण देश में ऑक्सीजन की अचानक बढ़ी मांग और इसकी किल्लत को देखते हुए कंपनी ने अपनी पेट्रोकेमिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली इकाइयों में थोड़ा बदलाव कर उन्हें मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन बनाने वाली इकाई के रूप में बदल दिया है। ऐसा करने के बाद से ही इन इकाइयों से पूरी क्षमता से मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का दावा है कि अभी तक कंपनी 55000 मीट्रिक टन मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की देशभर में सप्लाई कर चुकी है। आरआईएल इस काम को तबतक जारी रखेगी, जबतक कि देश में कोरोना का संक्रमण काबू में नहीं आ जाता।