Ram Janmabhoomi: आयोध्या जाने से रोके गए मेरठ के कारसेवक, लगे जय श्री राम के नारे

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Ram Janmabhoomi, मेरठ: अयोध्या में श्री राम मंदिर आंदोलन में कार सेवा करने के लिए देशभर से राम भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। मेरठ से भी कारसेवकों का काफिला अयोध्या के लिए निकला था, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उस समय चारों ओर जय श्री राम के नारे से आकाश गुंजायमान हो रहा था।

अस्थाई जेल में भेजे गए कारसेवक

विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर पूरे प्रदेश से रामभक्त अयोध्या में कारसेवा के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में मेरठ से भी रामभक्त कारसेवा के लिए अयोध्या जा रहे थे। 30 अक्टूबर 1990 को कार सेवकों के एक समूह ने पुराने शहर में जुलूस निकाला और अयोध्या के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें मेरठ में ही गिरफ्तार कर लिया। उस समय वीएचपी नेता केदारनाथ जैन और संयोजक राजेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में मेरठ में गिरफ्तारियां की गईं।

उस ग्रुप में विहिप नेता चंद्रप्रकाश गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार एवं लोकतंत्र सेनानी विश्वनाथ अग्रवाल, व्यापारी नेता विजय आनंद अग्रवाल के पिता डॉ. रामप्रकाश गुप्ता, हेल्थ केयर इमेजिंग सेंटर के निदेशक डॉ. संजय गुप्ता के पिता, सुरेंद्र पाल रस्तोगी, सर्वेश सराफ, पिशोरी, लाल कुमार, रामकिशोर सराफ, महेंद्र कुमार सराफ, रतनलाल खद्दर वाले, दुर्गादास पान वाले, राजकुमार वर्मा, डॉ. केके गुप्ता, जयनारायण जैन आदि शामिल थे।

वरिष्ठ पत्रकार अनुज मित्तल के मुताबिक इन राम भक्तों के नेतृत्व में तीन जत्थे अलग-अलग जगहों से चले। पहला जत्था राजेश्वर प्रसाद एवं केदारनाथ जैन के नेतृत्व में प्रह्लाद वाटिका स्थित राजेश्वर प्रसाद के आवास से शुरू हुआ। दूसरे गुट का नेतृत्व लाला का बाजार में विश्वनाथ अग्रवाल ने किया। जबकि तीसरे बैच का नेतृत्व संजय नर्सिंग होम के डॉ. रामप्रकाश गुप्ता ने किया। बुढ़ाना गेट पर तीनों गुट एक दूसरे से आकर मिले।

यहां से जब तीनों गुट इंदिरा चौक की ओर बढ़ने लगे तो पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। राम भक्त जोर-जोर से नारे लगा रहे थे। लोगों ने इन कारसेवकों को फूल मालाओं से लाद दिया। महिलाओं ने कारसेवकों को तिलक लगाकर मंगल आरती की। मेरठ के इन कारसेवकों को शामली ले जाकर वैश्य स्कूल में बनी अस्थाई जेल में रखा गया।

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व्यापारी नेता विजय आनंद अग्रवाल के मुताबिक, शामली में जिस स्कूल के पास अस्थाई जेल बनाई गई थी, वहां मुस्लिम बस्ती थी। इस जेल पर मुस्लिम मोहल्ले से फायरिंग और पथराव हुआ था। इसके चलते दो दिन के भीतर ही पुलिस प्रशासन को इस अस्थाई जेल को मेरठ की अब्दुल्लापुर जिला जेल में स्थानांतरित भी करना पड़ा।

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