जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बन चुका है। राज्य द्वारा नवीन सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा नीति लाने व नियमों का सरलीकरण करने से अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार निवेश आ रहा है। इन्वेस्ट राजस्थान समिट में भी सबसे ज्यादा एमओयू सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ही साइन हुए हैं।
मुख्यमंत्री गुरूवार को कोल इंडिया लिमिटेड तथा राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के बीच 1190 मेगावाट की सोलर परियोजना की स्थापना के लिए एमओयू स्थापित होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा अक्षय ऊर्जा संसाधनों को प्रोत्साहन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल इंडिया का राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के साथ सोलर परियोजना के लिए 5400 करोड़ का एमओयू राज्य सरकार व केन्द्र के बीच अच्छे तालमेल का घोतक है। गहलोत ने कहा कि सोलर पार्क की स्थापना से कोयले की बचत एवं प्रदूषण में कमी के साथ-साथ आमजन को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम तथा कोल इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में कुल 2000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाला सोलर पार्क बीकानेर जिले की पूगल तहसील में स्थापित होगा। इसमें से 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना कोल इंडिया द्वारा स्थापित की जाएगी, वहीं 810 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम द्वारा स्थापित की जाएगी। सोलर पार्क के लिए 4846 हैक्टेयर भूमि बीकानेर में आवंटित की जा चुकी है।
गहलोत ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बढ़ रहे निवेश का लाभ प्रदेशवासियों को देने के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए आवश्यक उपकरणों के उत्पादन तथा असेंबली का कार्य राज्य में ही किया जाना चाहिए। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्थित राज्य को आवंटित कोयला खानों में खनन विभिन्न कारणों से बाधित होने से कोयला आपूर्ति प्रभावित हुई है, परन्तु केन्द्र सरकार व कोल इंडिया लिमिटेड से समन्वय कर राज्य को मिलने वाले कोल रैक की संख्या बढ़ायी गयी है। इससे राज्य में सुचारू कोयला आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य की जरूरत का 10 प्रतिशत कोयला महंगे आयातित कोयले के रूप में खरीदने का आदेश रद्द करने से भी राज्य पर आर्थिक भार कम हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच अच्छे तालमेल से ही 2029-30 तक 500 गीगावाट क्षमता अक्षय ऊर्जा विकसित करने का राष्ट्रीय लक्ष्य पूरा हो पाएगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर राज्य में बड़े क्षेत्रफल के कारण सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सुगमता होती है। वहीं दूर-दराज के गांवों और ढाणियों में छितराई बसावट तक बिजली पहुंचाना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। इतने बड़े क्षेत्रफल तथा विषम भौगोलिक परिस्थितियों में हर घर बिजली पहुंचाना एक कठिन कार्य है। इसके लिए केन्द्र सरकार को आगे बढ़कर राज्य का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन कठिनाईयों के बावजूद राज्य ने विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में अनुकरणीय प्रगति की है। जहां आजादी के समय राजस्थान में केवल 13 मेगावाट बिजली उपलब्ध थी, वहीं आज 23000 मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन राज्य में हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि 14825 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना कर राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है। आमजन को सौर ऊर्जा उत्पादन से जोड़ने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है एवं राज्य में 835 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफ टाॅप संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि देश में कोयले के पर्याप्त भंडार उपलब्ध है तथा राज्यों को आवश्यकतानुसार कोयला आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। कोयले की सुगम ढुलाई सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को रोड टू रेल और रेल समुद्र रेल के विकल्प भी उपलब्ध कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई में भारत सबसे आगे है। राज्य के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निजी व सरकारी क्षेत्रों से निवेश आ रहा है तथा राजस्थान देश में सौर ऊर्जा का हब बनकर उभरा है। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा तथा 127 गीगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है।
कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि कोल इंडिया राज्यों को प्राथमिकता से कोयला उपलब्ध करा रहा है। ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने कहा कि बीकानेर में सोलर पार्क की स्थापना हरित ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अवसर पर पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, सांसद रामचरण बोहरा, महापौर जयपुर ग्रेटर शील धाभाई, केन्द्र सरकार में अति. कोयला सचिव एम नागराजू, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक आरके शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।
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