जयपुरः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) आज राजस्थान के टोंक जिले के निवाई के झिलाय गांव से इंदिरा रसोई ग्रामीण योजना का शुभारंभ करेंगी। शहरी निकायों में करीब 1000 इंदिरा रसोई के सफल संचालन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट 2023-24 में ग्रामीण क्षेत्रों में भी 1000 रसोई शुरू करने की घोषणा की थी। इसके तहत करीब 7 करोड़ 30 लाख भोजन की थालियां परोसने का लक्ष्य है।
गहलोत ने 18 अगस्त 2023 को जयपुर में सखी सम्मेलन के दौरान राजीविका के माध्यम से ग्रामीण कस्बों में 1000 इंदिरा रसोई चलाने की घोषणा की थी। अब यह योजना पांच हजार से अधिक आबादी वाले ग्रामीण कस्बों में रविवार से शुरू होगी। इसके साथ ही प्रियंका गांधी टोंक जिले की निवाई विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगी। हालांकि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसकी शुरुआत बांसवाड़ा और भीलवाड़ा से कर दी है, लेकिन राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका की यह पहली सभा होगी। झिलाय गांव में विभिन्न जिलों में संचालित इंदिरा रसोई के लाभार्थियों से संवाद भी होगा।
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कांग्रेस की नजर इन 35 सीटों पर
प्रियंका (Priyanka Gandhi) की जनसभा को सफल बनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के सभी खेमे मिलकर काम कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत सचिन पायलट भी सक्रिय हैं। निवाई में होने वाली जनसभा के जरिए कांग्रेस की नजर टोंक, सवाई माधोपुर, जयपुर और अजमेर की 35 सीटों पर रहेगी। इनमें से कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 18 सीटें जीती थीं। पांच सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस पृष्ठभूमि के निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।
टोंक, देवली उनियारा, निवाई और मालपुरा विधानसभा सीटें टोंक जिले में हैं। इनमें से मालपुरा को छोड़कर बाकी तीनों सीटें फिलहाल कांग्रेस के पास हैं। पुराने जिले के आधार पर देखा जाए तो जयपुर की 19 विधानसभा सीटों में से 10 विधानसभा सीटों यानी चाकसू, आदर्श नगर, बगरू, सिविल लाइंस, हवा महल, जमवारामगढ़, झोटवाड़ा, किशनपोल, कोटपूतली, विराट नगर में कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि बस्सी में दूदू और शाहपुरा में चुनाव जीतने वाले निर्दलीय भी पुराने कांग्रेसी हैं।
सवाई माधोपुर जिले में चार सीटें गंगापुर, खंडार, सवाई माधोपुर और बामनवास हैं। इनमें बामनवास, खंडार और सवाई माधोपुर से कांग्रेस विधायक और गंगापुर सिटी से कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक हैं। अजमेर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से केवल दो विधानसभा सीटों केकड़ी और मसूदा में कांग्रेस के विधायक हैं। ऐसे में जिन चार जिलों पर कांग्रेस की नजर है उनमें अजमेर जिला ऐसा है जहां कांग्रेस को कम सीटें मिली थीं।
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