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Rajasthan Monsoon: देरी से आए मगर जमकर बरसे मेघ, प्रदेश में 17 फीसदी ज्यादा बारिश

जयपुरः प्रदेश भर में इस बार मानसून मेहरबान है। शुरुआत में ही मानसून ने प्रदेश के अधिकतर जिलों में अच्छी दस्तक दी है। यही वजह है कि इस बार जुलाई के पहले सप्ताह तक ही प्रदेश भर में औसत से 17 फीसदी अधिक बारिश हुई है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस वर्ष मानसून पिछले वर्ष की तुलना में अधिक मेहरबान रहेगा। इस वर्ष एक जून से तीन जुलाई तक प्रदेश के 33 में से 21 जिलों में औसत से अधिक बरसात हुई है।

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इनमें बीकानेर संभाग में 105.64 मिलीमीटर (104.4 प्रतिशत अधिक), अजमेर में 112.57 मिलीमीटर (53.8 प्रतिशत ), भरतपुर संभाग में 95.06 मिलीमीटर (19.3 प्रतिशत), जयपुर संभाग में 129.47 मिलीमीटर (66.5 प्रतिशत) और कोटा में 162.83 मिलीमीटर (37.7 प्रतिशत) बरसात हुई है। एक तरफ जहां राजस्थान के 21 जिलों में औसत से अधिक वर्षा हुई है तो वहीं 12 जिले अभी भी ऐसे हैं जहां पर मानसून की मेहरबानी का इंतजार है। इनमें उदयपुर संभाग के सभी 6 जिलों (उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़) में औसत से 40.7 फीसदी कम बरसात हुई है। जबकि जोधपुर संभाग में बाड़मेर और जैसलमेर जिले को छोड़कर पूरे संभाग में औसत से 20.8 प्रतिशत कम बरसात हुई है।

10 देरी से पहुंचा मानसून

इस बार राजस्थान में मानसून दस दिन की देरी से पहुंचा है, जिसके चलते पूरे राजस्थान में इस अवधि की औसत बरसात 79.60 मिलीमीटर की तुलना में 93.19 मिलीमीटर बरसात हुई है, जो कि 17.1 प्रतिशत अधिक है। उक्त अवधि में पिछले वर्ष राजस्थान में 58.20 मिलीमीटर बरसात हुई थी जो कि सामान्य से काफी कम थी। ऐसे में अनुमान है कि इस बार पूरे मानसून में प्रदेश में अच्छी बरसात रहेगी।

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