जयपुरः राजस्थान कांग्रस में चल रही सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) द्वारा टोंक में दिए गए बयान के बाद उनका किया गया एक ट्वीट राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पायलट के ट्वीट के बाद अब सबकी निगाहें राजेश पायलट की पुण्यतिथि 11 जून पर टिकी हैं। अगर कांग्रेस 11 जून तक पायलट को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो वे किस रास्ते पर चलेंगे, इस पर चर्चा तेज हो गई है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने अपने ट्वीट में लिखा कि मन में उम्मीद है, दिल में विश्वास है, मजबूत राजस्थान बनाएंगे, जब जनता साथ होगी। वहीं सचिन पायलट के इस ट्वीट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह भी है कि गहलोत सरकार को दिया गया अल्टीमेटम खत्म होने के बाद पायलट का अगला कदम क्या होगा? जिसके लेकर तमाम तरह के की चर्चाएं हो रही है।
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पायलट के ट्वीट के निकाले जा रह कई मायने
उल्लेखनीय है कि पायलट (sachin pilot) ने गहलोत सरकार के सामने तीन मांगें रखते हुए अजमेर के आरपीएससी के बाहर से जयपुर तक जन संघर्ष यात्रा निकालकर 31 मई तक का अल्टीमेटम दिया था। बाद में उन्हें और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली बुलाया गया। यहां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में चार घंटे की बैठक के बाद वे बाहर निकले और मीडिया के सामने सबकुछ सही होने का संकेत दिया। हालांकि दिल्ली से लौटने के बाद टोंक में जनसंपर्क के दौरान पायलट ने किसी तरह के समझौते से इनकार किया। ऐसे में पायलट द्वारा किए गए ट्वीट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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