Raipur: बर्खास्तगी के विरोध में संविदाकर्मियों ने किया प्रदर्शन, मांगी इच्छामृत्यु

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रायपुर: बर्खास्त संविदा कर्मियों ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल के नाम इच्छामृत्यु का पत्र सौंपकर इच्छामृत्यु की मांग की है. ज्ञात हो कि नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बीजापुर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 211 संविदा कर्मचारियों को कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने सोमवार को बर्खास्त कर दिया है।

इस मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज संविदा कर्मियों की हड़ताल और बर्खास्तगी पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सभी विभागों के कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया गया है. सरकारी कर्मचारी 4 फीसदी के लिए भी तरस रहे हैं. साथ ही कहा कि संविदा कर्मचारियों के लिए 27 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. फिर भी संविदा कर्मी हड़ताल पर क्यों हैं, यह समझ से परे है.

वहीं बीजापुर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 211 संविदा कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद संगठन ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया है. मंगलवार को संविदा कर्मियों के संगठन ने रायपुर के घड़ी चौक स्थित भारतीय संविधान के प्रणेता बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया. लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट होकर राजभवन की ओर मार्च किया। संगठन ने राजभवन में राज्यपाल के नाम इच्छामृत्यु का पत्र सौंपकर इच्छामृत्यु की मांग की. उन्होंने कहा है कि 211 परिवारों से नौकरी की बजाय उनकी रोजी-रोटी छीन ली गई.

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उल्लेखनीय है कि रायपुर में पिछले 29 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रही है। सरकार ने हड़ताल ख़त्म करने के लिए एस्मा भी लागू कर दिया था. इसके बाद भी हड़ताल जारी रही. एस्मा का हवाला देते हुए 211 लोगों पर कार्रवाई की गई है. संविदा कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेश तिवारी का कहना है कि सरकार संवाद स्थापित करने के बजाय दमन के जरिये हड़ताल तोड़ना चाहती है.

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