नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा उपचुनाव जीत लिया है। सभी 13 राउंड की मतगणना में धामी को 57268, कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 3147, समाजवादी पार्टी के ललित मोहन को 409 और निर्दलीय हिमांशु गड़कोटी को 399 मिले। 374 मतदाताओं ने नोटा पर बटन दबाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 54,121 मतों से पराजित किया। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के इतिहास में यह सबसे बड़ी जीत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंपावत विधानसभा के उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए ट्वीट कर लिखा, चंपावत से रिकॉर्ड जीत के लिए उत्तराखंड के डायनामिक सीएम पुष्कर सिंह धामी को बधाई। मुझे विश्वास है कि वो उत्तराखंड की प्रगति के लिए और भी अधिक मेहनत करेंगे। मैं चंपावत के लोगों को भाजपा में विश्वास रखने के लिए धन्यवाद देता हूं और हमारे कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना करता हूं।
Congratulations to Uttarakhand’s dynamic CM @pushkardhami for the record win from Champawat. I am confident he will work even harder for the progress of Uttarakhand. I thank the people of Champawat for placing their faith in BJP and laud our Karyakartas for their hardwork.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2022
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को जीत की बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चम्पावत विधानसभा के उपचुनाव में ऐतिहासिक विजय प्राप्त करने की हार्दिक बधाई। यह विजय प्रधानमंत्री की लोक-कल्याणकारी नीतियों, आपके विकासपरक नेतृत्व और भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम को समर्पित है। दरअसल, राज्य में इसी वर्ष हुए विधानसभा के आम चुनाव में 70 में से 47 सीटें जीतकर भाजपा ने एक नया रिकॉर्ड तो बना लिया था लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा से हार गए थे।
देवभूमि उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी को चम्पावत विधान सभा के उपचुनाव में ऐतिहासिक विजय प्राप्त करने की हार्दिक बधाई।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 3, 2022
यह विजय आदरणीय प्रधानमंत्री जी की लोक-कल्याणकारी नीतियों, आपके विकासपरक नेतृत्व और भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम को समर्पित है।
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इस हार के बावजूद पार्टी आलाकमान ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया। धामी ने 23 मार्च को लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उन्हें 6 महीने के अंदर विधायक बनना जरूरी था। इसलिए चंपावत विधानसभा का उपचुनाव उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर काफी महत्वपूर्ण हो गया था लेकिन इतने भारी अंतर के साथ जीत हासिल कर धामी ने यह साबित कर दिया कि वो पार्टी आलाकमान के भरोसे पर पूरी तरह खरे उतरे है और अब राज्य के बड़े नेता बन चुके हैं।
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