नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी के राजपथ पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान घातक कोविड-19 वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया भी दिखाई जाएगी। भारत में दो स्वदेशी वैक्सीन, कोविशिल्ड और कोवैक्सीन तैयार की गई हैं। देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो चुका है।
अब तक भारत में 1,53,032 लोग जानलेवा वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं देश में कुल 1,06,25,428 कोरोना पॉजिटव मामले सामने आ चुके हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से निकाली जाने वाली झांकी में दिखाया जाएगा कि कैसे भारत हर स्तर पर रणनीतिक कार्यप्रणाली और बहुप्रचारित सामूहिक व्यवहार परिवर्तन को अपनाकर कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हुआ है। झांकी का विषय (थीम) कोविड के खिलाफ लड़ाई में आत्मनिर्भर भारत अभियान है। झांकी में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से वैक्सीन (टीका) के विकसित होने की प्रक्रिया को दर्शाया जाएगा।
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इस दौरान वैज्ञानिक की एक प्रतिमा को कोरोना वायरस वैक्सीन के साथ दिखाई जाएगी, जो मानव जाति को बचाने के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि को दर्शाएगी। इस प्रदर्शनी को पांच खंडों में विभाजित किया गया है, जिनमें वैक्सीन बनाने की शुरूआती प्रक्रिया से लेकर स्टोरेज सिस्टम और टीकाकरण की प्रक्रिया दर्शायी जाएगी। इसके साथ ही वैक्सीन अनुसंधान प्रयोगशाला, वैक्सीन उत्पादन और नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) की झलक भी दिखाई जाएगी। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि केबिन के बाहर व्यक्ति पर किए गए तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को भी दिखाया जाएगा।