Sunday, November 24, 2024
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राष्ट्रपति मुर्मू ने 68 जिला कलेक्टरों और 9 राज्य सचिवों को प्रदान किया भूमि सम्मान

President

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को यहां केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में भूमि सम्मान 2023 प्रदान किया। पुरस्कार नौ राज्य सचिवों व 68 जिला कलेक्टरों को उनकी टीमों के साथ प्राप्त हुए, जिन्होंने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के मुख्य घटकों की संतृप्ति हासिल करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए ग्रामीण विकास को गति देना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण एक बुनियादी जरुरत है, क्योंकि अधिकांश ग्रामीण आबादी की आजीविका भूमि संसाधनों पर निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए एक व्यापक एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटलीकरण से पारदर्शिता बढ़ती है. भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण से देश के विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ इसके जुड़ाव से कल्याणकारी योजनाओं के उचित कार्यान्वयन में सहायता मिलेगी। बाढ़ व आग जैसी आपदाओं के वजह से दस्तावेजों के नुकसान की स्थिति में भी यह बहुत मददगाह होगा।

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राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि डिजिटल इंडिया भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली के तहत, एक अद्वितीय भूमि पार्सल पहचान संख्या प्रदान की जा रही है, जो आधार कार्ड के समान उपयोगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह नंबर भूमि के समुचित उपयोग के साथ-साथ नई कल्याणकारी योजनाएं बनाने और लागू करने में मदद करेगा। ई-कोर्ट को भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण डेटा-बेस से जोड़ने से कई फायदे होंगे। डिजिटलीकरण से जो पारदर्शिता आ रही है उससे जमीन संबंधी अनैतिक और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि जमीन से जुड़ी जानकारी मुफ्त और सुविधाजनक तरीके से मिलने से कई फायदे होंगे. उदाहरण के तौर पर इससे जमीन के मालिकाना हक और इस्तेमाल से जुड़े विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी भूमि संबंधी विवादों में उलझी हुई है और इन मामलों में प्रशासन और न्यायपालिका का काफी समय बर्बाद होता है। सूचना के डिजिटलीकरण और कनेक्टिविटी के माध्यम से लोगों और संस्थानों की जो ऊर्जा विवादों को सुलझाने में खर्च होती है, उसका उपयोग विकास में किया जाएगा।

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