औरंगाबादः महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर’ कर दिया गया है। स्थानीय जनता ने जहां इस फैसले का स्वागत किया वहीं एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने इसका विरोध किया है। शहर का नाम बदलने के खिलाफ सांसद ने अनशन शुरू कर दिया है। इस दौरान उनके कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब के पोस्टर लगाकर नाम बदलने पर विरोध जताया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
राज्य और केंद्र सरकारों ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने का फैसला किया है। इसके खिलाफ एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने कलेक्ट्रेट के सामने अनशन शुरू कर दिया है। अनशन के दौरान कुछ युवकों ने औरंगजेब का पोस्टर लहराते हुए नारेबाजी की। एआईएमआईएम के अनशन मंडम में जुटी भीड़ में एक युवक हाथ में औरंगजेब की फोटो को अनशन के मुख्य स्थान पर ले गया। वहीं इस युवक के हाथ में औरंगजेब का पोस्टर देख अन्य युवक ‘जिंदाबाद जिंदाबाद, औरंगाबाद जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे लेकिन जैसे ही आयोजकों की नजर इन सबपर पड़ी तो वे इस युवक को फोटो के साथ अनशन स्थल से बाहर ले गए। इस पूरे वाकये का वीडियो भी सामने आया है। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इम्तियाज जलील ने कहा कि आंदोलन को खराब करने के लिए किसी ने औरंगजेब का पोस्टर ले कर कुछ लोगों को भेजा था लेकिन हमने उन्हें निकाल दिया है।
वहीं, छत्रपति संभाजीनगर नाम के विरोध में आज कलेक्टर कार्यालय के सामने श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल की गयी। तो इसके प्रत्युत्तर में महाराष्ट्र निवनिर्माण सेना ने (मनसे) नाम परिवर्तन के समर्थन में आज एक हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस दौरान मनसे ने कहा कि हम नाम बदलने का समर्थन करते हैं। इस मौके पर मनसे कार्यकर्ताओं ने छत्रपति संभाजी महाराज की जय, जय भवानी, जय शिवाजी के नारे लगाए।
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