Pomeranian and Doberman license: शहर में कुत्ते पालने के लिए लाइसेंस अनिवार्य है और कुछ विदेशी नस्ल के कुत्ते पालने पर प्रतिबंध भी है, इसके बाद भी मनमानी चल रही है। कुत्तों की संख्या बढ़ने पर आम आदमी की नींद उड़ जाती है। अब यह परेशानी नगर निगम की नींद उड़ा रही है। निगम जिधर कुत्तों के लाइसेंस चेक करने के लिए अपने कर्मियों को भेजता है, उधर ही दर्जनों कुत्ते आवारा तो मिलते ही हैं, पालतू भी है। इनमें लाइसेंस तो हैं नहीं, ज्यादातर को रैबीज का इंजेक्शन भी नहीं लगवाया गया है।
इन दिनों अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविन्द राव के आदेश पर नगर निगम कैटल कैचिंग विभाग सुबह सात बजे से ही पेट डॉग लाइसेंस चेकिंग अभियान चला रहा है। इसके लिए प्रवर्तन दल तथा डॉग कैचिंग स्क्वॉड के साथ पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा भी अलग-अलग बस्तियों में जा रहे हैं। अभियान अभी तक आशियाना, बांग्ला बाजार, पराग रोड, इंद्रलोक कॉलोनी, पावर हाउस चौराहा आदि क्षेत्र में अभियान चलाया गया। इन क्षेत्रों में कई लोग बिना लाइसेंस कुत्ते टहलाते हुए पाए गए। अभियान के शुरूआत में ही 33,000 रूपए का जुर्माना वसूला गया। खास बात तो यह है कि पोमेरियन और डाबरमैन भी बिना लाइसेंस के पाए गए। कई लोगों के डॉग लाइसेंस न होने पर उनको जब्त किया गया।
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जब इन्होंने लाइसेंस जुर्माना जमा किया, तो उनके डॉग वापस कर दिए गए। जिस समय मोहल्लों में टीम पहुंचती है, लोग इधर-उधर अपने कुत्ते को लेकर भाग निकलते हैं। नगर निगम की ओर से 18 से 20 दिसम्बर के मध्य डॉग लाइसेंस चेकिंग अभियान भी चलाया गया था। इन दौरान भी लाइसेंस न होने की दशा में डॉग पालक से रूपए 5,000 जुर्माना वसूला गया था। इन दिनों निगम को 53,000 रुपये जुर्माने से मिले। हालांकि अभियान फीका और दिखावा ही रहा, क्योंकि 11 लोगों के मौके पर लाइसेंस बनाए जाने के बाद काम रोक दिया गया।
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