Transport Corporation: परिवहन निगम आय के नए-नए संसाधन तलाशने की दिशा में कदम बढा रहा है। इस क्रम में अब बस अड्डों की छतों को कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए दिया जाएगा। व्यावसायिक गतिविधियों के लिए बस अड्डे के भवन की छतें लीज पर दी जाएंगी। इससे जहां बस अड्डे पर लोगों की गतिविधियां बढेंगी, तो वहीं निगम को राजस्व भी मिलेगा।
बीते दिनों प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने इसको लेकर परिवहन निगम के अफसरों के साथ बैठक भी की। इस दौरान वित्त मंत्री ने निगम के बस अड्डों की छतों के कॉमर्शियल इस्तेमाल की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की बात भी कही थी। इसके लिए प्रदेश के 76 बस अड्डों को चिहिन्त किया गया है। हालांकि, परिवहन निगम की 200 बस अड्डों की छतों को कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए देने की योजना है। इनमें पीपीपी योजना में सम्मिलित किए गए बस अड्डे शामिल नहीं हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि परिवहन निगम के बस अड्डे एयरपोर्ट व मेट्रो स्टेशन की तर्ज पर विकसित किए जाएं।
सीएम की मंशा के मुताबिक ही निगम प्रबंधन बस अड्डों को विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। निगम के बस अड्डों को ऐसे मॉडल के रूप में तैयार करने की योजना है, जिससे आय बढ़ सके। निगम के बस स्टेशन भवनों के लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के साथ मिलकर व्यापक सर्वेक्षण कर आधुनिकतम इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का मकसद है। निगम के बस अड्डों की छतों का कॉमर्शियल प्रयोग के अलावा विज्ञापन के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए निगम अफसरों को जल्द मास्टरप्लान तैयार करने के लिए कहा गया है। परिवहन निगम प्रबंधन ने निजी भागीदार के तहत 48 और बस स्टेशनों को विकसित करने का खांका तैयार किया है।
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इसके पूर्व परिवहन निगम के पीपीपी मोड पर बनने वाले पांच बस अड्डों का काम जल्द शुरू होने वाला है। इसके अलावा 18 अन्य बस अड्डों को पीपीपी मोड पर विकसित करने के लिए सेवा प्रदाता के चयन को लेकर टेंडर प्रक्रिया जारी है। पीपीपी मोड के तहत जो 48 बस स्टेशन चिन्हित किए गए हैं, उनमें फाउंड्रीनगर, हाथरस, इटावा, अकबरपुर, अमेठी, जगदीशपुर, बेल्थरा रोड, रसड़ा, घोसी, राठ, भिनगा, गोंडा, बलरामपुर, शिकोहाबाद, फिरोजाबाद, लोनी, सोनौली, दवरिया, बस्ती, रुद्रपुर, गौरीबाजार, बांसी, गोला, नैमिषारण्य, सिधौली, हरदोई, झांसी, माती, उन्नाव, रावतपुर, जानकीपुरम, हैदरगढ, कैसरबाग, गढ, मुरादाबाद, रामपुर, धामपुर, नेहटौर, नोएडा, कुंडा, विध्यांचल, सराय अकिल, बादशाहपुर, मुजफ्फरनगर, जौनपुर, काशी, मछलीशहर और राबर्ट्सगंज शामिल हैं।
बेड़े में शामिल होंगी 8,000 इलेक्ट्रिक बसें
परिवहन निगम के बस बेड़े में 8,000 इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। इनमें 5,000 बसों को अनुबंध पर लिया जाएगा, वहीं 3,000 बसें परिवहन निगम खरीदेगा। निदेशक मंडल की 247वीं बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी है। इसके अलावा 2024-25 के आय-व्यय में 2,000 नई बीएस-6 डीजल बसें भी खरीदी जाएंगी। बैठक में डॉ. राम मनोहर लोहिया कार्यशाला कानपुर और केंद्रीय कार्यशाला कानपुर में पूर्व से संचालित पुरानी बसों के मिनी रेनोवेशन का कार्य कराने सम्बंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है। परिवहन निगम की बसों के लिए महिला परिचालकों की भर्ती उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन व उप्र कौशल विकास मिशन के जरिए की जाएगी।
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