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पीएम मोदी सोमवार को लाॅन्च करेंगे डिजिटल भुगतान प्लेटफाॅर्म ‘ई-रूपी’, ट्वीट कर दी जानकारी

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म ‘ई-रुपी’ लॉन्च करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि डिजिटल तकनीक जीवन को बड़े पैमाने पर बदल रही है और ईज ऑफ लिविंग को आगे बढ़ा रही है। 2 अगस्त को शाम 4.30 बजे, ई-रुपी लॉन्च होगा, जो एक फ्यूचरिस्टिक डिजिटल भुगतान समाधान है जो अपने उपयोगकर्ताओं को कई लाभ प्रदान करता है। उन्होंने ई-रुपी के कुछ खास लाभ बताते हुए ट्वीट किया, ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस माध्यम है। सेवा प्रायोजकों और लाभार्थियों को डिजिटल रूप से जोड़ता है और विभिन्न कल्याणकारी सेवाओं की लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करता है।

उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा है कि प्रधानमंत्री हमेशा से ही डिजिटल पहलों को व्यापक प्रोत्सा्हन देते रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में लाभार्थियों को बिना किसी लीकेज के लाभ पहुंचाने के कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसमें सरकार और लाभार्थी के बीच महज कुछ ही ‘टच प्वाइंट’ होते हैं। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक वाउचर की अवधारणा सुशासन के इस विजन को आगे बढ़ाती है। ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है। इस निर्बाध एकमुश्त भुगतान व्यवस्था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

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इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है। ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है। इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए। प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है। यह डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा। इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है। यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है।