Home देश PM Modi का किसान प्रेम… मूसलाधार बारिश के बीच छाता लेकर पहुंचे,...

PM Modi का किसान प्रेम… मूसलाधार बारिश के बीच छाता लेकर पहुंचे, नहीं रद्द किया कार्यक्रम

pm-modi-farmers-meeting-heavy-rain

Natural Farming, नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने फसलों की 109 किस्मों की उच्च उपज देने वाली बीजों की किस्त जारी करने के बाद किसानों को कृषि को लेकर मूल मंत्र दिया। पीएम मोदी ने कृषि में अनुसंधान और नए इनोवेशन पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने किसानों से बातचीत के दौरान लाल बहादुर शास्त्री द्वारा कहे गए प्रसिद्ध नारे “जय जवान, जय किसान” और अटल बिहारी के “जय विज्ञान” का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने किसानों से बातचीत के दौरान कहा, “हमारी सरकार किसान-कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हमने जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान में जय अनुसंधान जोड़ा है।”

भारी बारिश के बीच छाता लेकर पहुंच पीएम मोदी

इससे पहले पीएम मोदी ने मूसलाधार बारिश के बीच छाता लेकर पहुंचे किसानें के बीच पहुंच और उनसे बातचीत की। दरअसल रविवार को जब दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में किसानों से बात करने पहुंचे तो तेज बारिश होने लगी। हालांकि अधिकारियों ने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि कार्यक्रम रद्द किया जा सकता है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि वे बारिश के बावजूद किसानों से बात करेंगे। वहीं जब बारिश में छाता थामने की बात आई तो पीएम मोदी ने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि वे खुद छाता पकड़े रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी ने किसानों के लिए भी छाता पकड़ने की पेशकश भी की।

पीएम ने कहा, “किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती को अपनाने से महत्वपूर्ण उपलब्धियां मिलने की उम्मीद है। किसान धरती माता के प्रति अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग हैं और स्वेच्छा से कीटनाशकों से दूर जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती की ओर यह बदलाव उनके लिए बेहतर परिणाम दे रहा है।” प्रधानमंत्री ने किसानों को बीजों की नई किस्मों को अपनाने के सुझाव दिए। उन्होंने किसानों से पूछा कि क्या वे बीजों की नई किस्मों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं या फिर दूसरे लोगों द्वारा उसके पहले इस्तेमाल करने का इंतजार करेंगे।

ये भी पढ़ेंः- Hindenburg की नई रिपोर्ट के बाद केंद्र व विपक्ष आमने-सामने, बीजेपी ने बताया प्रोपेगेंडा

109 उन्नत बीजों की किस्में की जारी

प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें सुझाव दिया कि वे अपनी जमीन के एक छोटे से हिस्से या चार कोनों में नई किस्म की बीज का इस्तेमाल करें और अच्छे परिणामों के बाद इसका इस्तेमाल करें। इसके साथ ही अपने तीसरे कार्यकाल में किसानों के लिए तिगुनी गति से काम करने की बात को भी दोहराया।

उन्होंने कहा, “हम अपने किसान भाई-बहनों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में 109 नई फसल किस्में जारी की गईं। इन जलवायु अनुकूल और अधिक उपज देने वाली किस्मों से उत्पादन बढ़ेगा और हमारे किसानों की आय भी बढ़ेगी।”

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version