नई दिल्ली: Hindenburg की नई रिपोर्ट ने देश में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। इस रिपोर्ट में सेबी चेयरमैन पर सवाल उठाए गए हैं। इसके बाद से विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है और इसकी जांच की मांग कर रहा है। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार करते हुए इसे भारत के खिलाफ नियमित दुष्प्रचार करार दिया है।
रविशंकर प्रसाद ने रिपोर्ट को बताया गलत
सोमवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत की जनता द्वारा नकारे जाने के बाद कांग्रेस पार्टी, उसके सहयोगी और टूलकिट गैंग ने भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने की साजिश रची है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई। इसे लेकर रविवार को हंगामा हुआ और सोमवार को आर्थिक बाजार अस्थिर है। शेयरों के मामले में भी भारत में सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक बाजार सुनिश्चित करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है।
भारत के खिलाफ किया जा रहा दुष्प्रचार
जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी जांच पूरी करने के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया तो उन्होंने अपने बचाव में कोई जवाब दिए बिना इस हमले को निराधार करार दिया। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग में किसने निवेश किया है? क्या आप इस सज्जन जॉर्ज सोरोस को जानते हैं जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं। ये वहां के मुख्य निवेशक हैं। नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी रोगात्मक नफरत में, कांग्रेस पार्टी ने आज भारत के खिलाफ ही नफरत पैदा कर दी है, अगर भारत का शेयर बाजार परेशान हो गया, तो क्या छोटे निवेशक परेशान होंगे या नहीं? कांग्रेस पूंजी निवेश को रोकने और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो।
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गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को अपनी नवीनतम रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पास अडानी के ‘मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले’ में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी। वहीं, अडानी समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हिंडनबर्ग के आरोप दुर्भावनापूर्ण, शरारती और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाले हैं, ताकि तथ्यों और कानून की अवहेलना करके व्यक्तिगत लाभ कमाने के लिए पूर्व निर्धारित निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।
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