Parliament Monsoon Session: लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध को तोड़ने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही। हालांकि लोकसभा में सभी दलों के फ्लोर लीडर्स की बुलाई गई इस बैठक में बसपा और AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी ने अन्य विपक्षी दलों से अलग हटकर स्टैंड लिया।
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई फ्लोर लीडर्स की बैठक मणिपुर पर संसद (Parliament Monsoon Session) में गतिरोध समाप्त करने पर आम सहमति तक पहुंचने में विफल रही। मणिपुर पर पीएम के बयान पर विपक्षी राजनीतिक दल अभी भी अड़े हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, फ्लोर लीडर्स की बैठक में कई विपक्षी दलों ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में बोलने के बजाय सदन के बाहर मणिपुर पर बयान क्यों दिया? बैठक में सरकार की ओर से एक बार फिर साफ किया गया कि सदन में मणिपुर पर चर्चा का जवाब गृह मंत्री अमित शाह ही देंगे।
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हालांकि, फ्लोर लीडर्स की इस बैठक में बीएसपी और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने बाकी विपक्षी दलों से अलग रुख अपनाया और कहा कि मणिपुर पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और विपक्षी दलों को इस चर्चा का इस्तेमाल सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को कटघरे में खड़ा करने के लिए करना चाहिए. बैठक में बिरला ने दोनों पक्षों से गतिरोध खत्म करने की अपील की।
जानें क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि मणिपुर में हुई घटना को लेकर संजय सिंह (sanjay singh) ने सभापति की कुर्सी के सामने पहुंचकर विरोध जताया था। इसके बाद राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। अब इसके विरोध में सांसदों ने पूरी राग संसद के बाहर धरना दिया है।
आप सांसद संजय सिंह के निलंबन के बाद उन्हें विपक्ष का समर्थन मिल रहा है। वहीं अपने निलंबन और संसद में धरना देने पर संजय सिंह ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा पर सदन में जवाब देने को तैयार नहीं हैं। भारत के 140 करोड़ लोग शर्मसार हैं, लेकिन पीएम मोदी मणिपुर हिंसा पर सदन में जवाब देने को तैयार नहीं हैं।
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