Opposition Meeting in Bengaluru: 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इकट्ठा हुए विपक्षी दलों की बैठक का आज दूसरा दिन है। विपक्षी एकता की दूसरे दिन की बैठक बेंगलुरु में शुरू हो चुकी है। इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल एकजुट हुए हैं। यह बैठक चार बजे तक चलेगी। इसके बाद सभी दलों के नेता संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। वहीं NCP में फूट के बीच शरद पवार आज सीधे बैठक में शामिल होने बेंगलुरु पहुंच गए हैं।
सोनिया गांधी को बनाया जा सकता है नए मोर्चे की अध्यक्ष
बता दें कि इससे पहले 23 जून को पटना में 17 पार्टियां विपक्षी एकता की पहली बैठक (Opposition Meeting) में शामिल हुई थीं। लेकिन एनसीपी चीफ इसमें शामिल नहीं हो पाए थे। बैठक में पवार के शामिल नहीं होने की जानकारी एनसीपी को भी दी गई. एनसीपी प्रवक्ता ने बताया था कि शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले 18 जुलाई को बैठक में शामिल होंगे। साथ ही इस महागठबंधन का नया नाम भी दिया जाएगा । कल शाम शुरू हुई बैठक में 2024 के लिए विपक्षी मोर्चे का नाम क्या हो, इस पर मंथन हुआ और सभी पार्टियों से सुझाव मांगा गया।
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#WATCH | Karnataka | Opposition leaders of 26 parties gather in Bengaluru on the second day of the joint Opposition meeting. pic.twitter.com/HaYdRGiUfp
— ANI (@ANI) July 18, 2023
विपक्षी मोर्चे के नए नाम में INDIA शब्द होना ज़रूरी है। विपक्षी मोर्चे की टैगलाइन होगी UNITED WE STAND… नए मोर्चे की अध्यक्ष सोनिया गांधी और संयोजक नीतीश कुमार को बनाया जा सकता है। कल जब बैठक शुरू हुई, तो शुरुआती 20 मिनट में सोनिया गांधी, ममता बनर्जी के साथ बात करती दिखीं। हालांकि सोनिया गांधी के नाम पर किसी भी दल को ऐतराज नहीं होगा, क्योंकि वो प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार भी नहीं है।
बैठक में इन मुद्दों पर होगा विपक्षी पार्टियों का मंथन
गौरतलब है कि विपक्षी दलों की इस संयुक्त बैठक (Opposition Meeting) में कई बिंदुओं पर चर्चा होगी, लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए न्यूनतम साक्षरता कार्यक्रम बनाना और राज्यवार गठबंधन पर सहमति बनाना है. इसके साथ ही राज्यवार सीटों का बंटवारा और महागठबंधन का नाम तय करने का फैसला भी इस बैठक में हो सकता है.
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाते हुए राज्यवार जनाधार के आधार पर सीटों के बंटवारे पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही आज गठबंधन के संयोजक का भी चुनाव हो सकता है। इस बीच चुनाव के बाद सबसे बड़ी चुनौती गठबंधन के चेहरे यानी प्रधानमंत्री पद के चेहरे का नाम तय करना है। क्योंकि नीतीश कुमार और ममता बनर्जी समेत कई अन्य नेता भी पीएम पद के लिए अपना दावा ठोक सकते हैं। हालांकि ये नेता पहले ही कह चुके हैं कि गठबंधन का मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना है, प्रधानमंत्री के नाम पर बाद में चर्चा की जाएगी।
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