न्यूयार्कः यूरोप और अमेरिका में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तबाही के बाद ओमिक्रॉन वैरिएंट ने नई चुनौती खड़ी कर दी है। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप में फिर से संक्रमण बढ़ने लगे हैं। कई देश इस महामारी से बचने के लिए पाबंदी लगाने पर विचार कर रहे हैं। यूरोपीय देश इस मुद्दे पर बंटे नजर आ रहे हैं। वहीं, अमेरिका ने हालात से बचाव के लिए सेना के चिकित्सकों को तैनात कर दिया है।
नीदरलैंड में लगा लॉकडाउन
नीदरलैंड ने फिर से लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसा सख्त कदम उठाने वाला वह यूरोप का पहला देश बन गया है। इसमें एक साथ अधिकतम दो मेहमानों को घर बुलाने की अनुमति है। क्रिसमस के त्योहार से पहले यह शर्त लोगों को तकलीफ देने वाली है। डेनमार्क ने थिएटर, सिनेमा हाल, मनोरंजन पार्क, चिडि़याघर और भीड़ वाले स्थानों को बंद कर दिया है। हालांकि, टीकाकरण के चलते मास्क पहनने और शारीरिक दूरी बनाए रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। वहीं, फ्रांस, स्पेन और इटली सख्त प्रतिबंध लगाने से अभी तक बच रहे हैं। इसके स्थान पर बूस्टर डोज लगाने पर जोर दे रहे हैं।
ब्रिटेन में लॉडाउन का सुझाव
ब्रिटेन में स्थिति उलट है। एक महीने से भी कम समय में वहां ओमिक्रॉन प्रमुख वैरिएंट बन गया है। सरकार के सलाहकारों और विज्ञानियों ने सख्त लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया है, लेकिन क्रिसमस को देखते हुए बोरिस जॉनसन की सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है। सरकार में सख्त लॉकडाउन लगाने को लेकर मतभेद भी हैं। अमेरिका में क्रिसमस की छुट्टियां शुरू हो गई हैं, लेकिन ओमिक्रोन के डर ने लोगों को घरों में रहने को मजबूर कर दिया है। प्रतिदिन एक लाख से अधिक मामले मिल रहे हैं।
रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने एक दिन पहले ही कहा था कि नए मामलों में 73 फीसदी ओमिक्रोन के हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अभी सख्त पाबंदियों का एलान तो नहीं किया है, लेकिन बढ़ते मरीजों को देखते हुए सेना के डॉक्टरों को मैदान में उतार दिया है। हालांकि, न्यूयार्क, वॉशिंगटन डीसी, टेक्सास, बोस्टन जैसे राज्यों में कुछ सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं।