UP News: राजकीय कृषि बीज भंडारों से कृषि निवेश पर पीओएस के माध्यम से सब्सिडी-एट-सोर्स उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह काम कृषि विभाग की ओर से किया गया है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी हॉल में पिछले दिनों प्रदेश के सैकड़ों किसानों को बुलाकर योजना की जानकारी भी दी जा चुकी है। किसानों को कब किस खेत में कौन सी फसल बोनी है? उसे किस खाद कीटनाशक की आवश्यकता है? आपदा से कहां कितना नुकसान हो गया है? इसका पता लगाना तथा उसका उचित मुआवजा तुरंत देना संभव हो गया है।
प्रदेश के किसानों को खरीफ एवं रबी में लगभग सात लाख क्विंटल बीज अनुदान पर प्रति वर्ष वितरित किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रति वर्ष लगभग 15 से 20 हजार मीट्रिक टन जिप्सम भी 75 प्रतिशत अनुदान पर कृषकों को बॉटा जाता है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विभाग द्वारा औसतन छह लाख से अधिक कृषकों को विभिन्न कृषि निवेशों पर अनुदान के रूप में लगभग 42 करोड़ की धनराशि प्रति वर्ष किसानों तक पहुंचाई जाती है। किसानों की समस्याओं को ध्यान देते हुए डिजिटल इंडिया को बढ़ाया जा रहा है। कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को अनुदान की धनराशि राजकीय कृषि बीज भण्डार से बीज एवं जिप्सम क्रय करते समय ही एट सोर्स पर जोर दिया जा रहा है। दर्शन पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों की पहचान के लिए प्वाइन्ट ऑफ सेल मशीन के द्वारा उनके आधार से बायोमैट्रिक सत्यापन हो जाएगा।
एक बार कृषक की पहचान सत्यापित हो जाने के पश्चात उन्हें अनुदान की धनराशि को छोड़कर केवल कृषक अंश की धनराशि देकर कृषि निवेश उपलब्ध हो जाएगा। कृषकों द्वारा क्रय किए गए सामग्री के सापेक्ष रसीद भी तत्काल प्राप्त हो जाएगी। इसके लिए बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रत्येक राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर वर्तमान में एक-एक प्वाईन्ट ऑफ सेल मशीन को स्थापित किया गया है। आगामी समय में बैंक ऑफ बडौदा द्वारा दो-दो मशीन करने की योजना है, ताकि फसल सीजन पर कृषि निवेश हेतु राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर आने वाले किसानों को किसी असुविधा का सामना न करना पडे़।
भुगतान में होगी पारदर्शिता
अनुदान वितरण की नई व्यवस्था लागू होने के पश्चात कृषक को कृषक अंश के ऑनलाइन भुगतान से सभी माध्यमों के प्रयोग का विकल्प उपलब्ध होगा। कृषक द्वारा क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड अथवा यूपीआई का प्रयोग कर क्यूआर कोड के माध्यम से भी भुगतान संभव हो सकेगा। कृषि निवेश वितरण की सम्पूर्ण प्रकिया बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा तैयार किए गए डैशबोर्ड पर प्रदर्शित होगी। जिससे अनुदान की धनराशि को पारदर्शी तरीके से अनुश्रवित किया जा सकेगा और प्राप्त होने वाले कृषक अंश को राजकोष में समय से जमा कराने की व्यवस्था की जा सकेगी। इस व्यवस्था से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक ले जाने में अपना अमूल्य योगदान दे सकेंगे।
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