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अब रूस का गेहूं भरेगा पाकिस्तान का पेट

नई दिल्लीः आतंक को अपनी राष्ट्रीय नीति बना चुके पड़ोसी देश पाकिस्तान को अब रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। पाकिस्तान में महंगाई की मार बढ़ती जा रही है। हालात ये हैं कि अब यहां गेहूं की कीमत आसमान छू रही है और उसने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान में अब गेहूं का दाम 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है और यह अब तक का सबसे ऊंचा रेट है। इससे पहले 2019 में यहां महंगाई चरम पर थी। पुलवामा हमले के बाद यहां टमाटर 400 रुपये किलो तक बिका था। अब पीएम इमरान खान रूस से गेहूं आयात कर अपने लोगों का पेट भरने के जुगाड़ में लगे हैं।

पाकिस्तान में पिछले साल दिसंबर में भी कुछ ऐसे ही हालात बने थे। यहां गेहूं के लिए काफी मुश्किलें पैदा हो रही थीं। अब फिर इस साल अक्टूबर में यही हाल हो गया है। यह दूसरा साल है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को खाद्य पदार्थाें की महंगाई के कारण लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा है। दाम में बढ़ोतरी के बाद पाकिस्तान में अनाज एसोसिएशन ने सरकार से अपील की है कि उन्हें फंड दिया जाए। अगर अगली फसल के लिए यहां उचित प्रबंध न किए गए तो लोगों में भुखमरी पहुंच जाएगी। गेहूं का संकट देखते हुए पाकिस्तान सरकार की ओर से रूस से गेहूं की खेप मंगाई जा रही है। रूस से इस महीने करीब 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं का आयात किया जाएगा।

चिकन बन रहा मुख्य भोजन

उच्चाधिकारियों की ओर से अब प्रधानमंत्री इमरान खान को प्रस्ताव भेजा जाएगा कि रोटी की तरह ही गेहूं, चीनी और चिकन के दाम को फिक्स किया जाए। इसका कारण है कि यहां लोगों में चिकन मुख्य भोजन बन रहा है।

पैदावार बढ़ाने में भी बाधाएं

पाकिस्तान में बीज को लेकर भी मारा-मारी मची है। किसानों और बीज कॉर्पोरेशन ने सरकार से दाम तय करने की मांग की है। हालांकि, अगर पिछले साल से तुलना करें तो अभी पाकिस्तान में महंगाई की दर कम है, लेकिन विशेषज्ञों ने इसके बढ़ने की आशंका जताई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बीते दिन कहा था कि नीति निर्माताओं को नीतिगत ब्याज दरें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल के मुद्रास्फीति आंकड़ों के हिसाब से पाकिस्तान की महंगाई दर न केवल विकसित बल्कि उभरते विकासशील देशों के मुकाबले भी सबसे अधिक रही है। जनवरी में पाकिस्तान में मुद्रास्फीति दर 14.6 प्रतिशत रही, जो 12 साल का उच्चतम स्तर रहा। इसे देखते हुए ने ब्याज दरों को बढ़ाकर 13.25 प्रतिशत कर दिया।

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भारत में कोरोना के चलते पाक पर असर

मुद्रास्फीति आंकड़ों के मुताबिक देश की महंगाई दर की तुलना चीन, थाईलैंड, भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका से करने पर यह कोरोना माहामारी के दौरान गिरी है। हिसाब से चालू वित्त वर्ष में जुलाई से मई के बीच देश की मुद्रास्फीति दर 10.94 प्रतिशत रहेगी। यह उसके पुराने अनुमान 11 प्रतिशत से कम है।

बिजली और गैस के दाम भी छू रहे आसमान

सरकार की नई बिजली नीति और गैस दरों के कारण हालत बदतर हो गए हैं। एक ओर मिल एसोसिएशन मांग कर रहा है कि उसे सब्सिडी दी जाए, लेकिन इससे रसोई पर संकट कम नहीं होने वाला है। खेती के लिए बिजली की जरूरत है और सरकार ने नई नीति बनाकर उसे महंगा कर दिया है।