Wednesday, January 8, 2025
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B.Ed डिग्री व Bridge Course किए अभ्यर्थियों को राहत नहीं, कोर्ट ने खारिज की याचिका

नैनीताल: हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर सहायक अध्यापक प्राथमिक की भर्ती में B.Ed और छह माह का ब्रिज कोर्स (Bridge Course) किए अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है। 11 अगस्त 2023 को देवेश शर्मा बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केवल उन B.Ed डिग्री और ब्रिज कोर्स किए अभ्यर्थियों को राहत दी थी, जिन्हें इस आदेश के पारित होने से पहले नियुक्ति मिल गई थी और इन अभ्यर्थियों को नई भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अयोग्य माना गया था।

हाईकोर्ट में दी थी चुनौती

इस मामले की समीक्षा याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2024 में पूर्व के आदेश को बरकरार रखा था। इन याचिकाओं पर पूर्व में तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में सुनवाई हुई थी। मामले के अनुसार उत्तराखंड में सहायक अध्यापक की भर्ती के लिए जारी अधिसूचना में केवल डीएलएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही आवेदन करने की अनुमति दी गई थी, जिसे मोहित कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

याचिका में क्या कहा गया

याचिका में कहा गया कि एनसीटीई ने “शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009” के अनुसार सहायक अध्यापक प्राथमिक की भर्ती के लिए केवल डीएलएड अभ्यर्थियों के आवेदन का मानक तय किया था, लेकिन 2018 में एनसीटीई ने इसमें आंशिक संशोधन करते हुए B.Ed डिग्रीधारकों को छह माह का ब्रिज कोर्स करने के बाद भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दे दी। इस मामले में सरकार और एनसीटीई ने कोर्ट को बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने एनसीटीई के इस संशोधन को रद्द कर दिया था और ‘देवेश शर्मा बनाम भारत संघ’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था।

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सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2023 में जारी अपने आदेश में कहा कि यह आदेश उन B.Ed डिग्रीधारकों पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने इस आदेश के पारित होने से पहले ब्रिज कोर्स करके नियुक्ति पा ली है, लेकिन सहायक अध्यापक प्राथमिक की नई भर्ती के लिए डीएलएड उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की पुनर्विचार याचिका में अप्रैल 2024 में B.Ed डिग्री और ब्रिज कोर्स वाले अभ्यर्थियों को राहत दी है। हाईकोर्ट से उनकी याचिका खारिज होने के बाद अब वे दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। ब्रिज कोर्स संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष और केंद्रीय संयोजक सुरेंद्र सिंह राणा ने कहा कि वह उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के ब्रिज कोर्स अभ्यर्थियों के साथ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएंगे।

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