लखनऊः उमेश पाल अपहरण मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद समेत तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार का बयान आया कि पहली बार किसी मामले में अतीक अहमद को सजा मिली है। एडीजी लॉ एण्ड आर्डर ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि पिछले कुछ सालों में प्रदेश की जनता को यह विश्वास दिलाया गया है कि अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनायी जा रही है। सभी माफियाओं के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। अपराधियों और माफियाओं के चिन्हीकरण में न कोई जाति और न कोई धर्म देखा गया है। सिर्फ माफियाओं को चिन्हित कर कार्रवाई की गई है। अभी तक 166 माफियाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध जो कार्रवाई की गईं, उसका अनुश्रवण खुद एंटी माफिया टॉस्क फोर्स के प्रमुख डीजीपी ने किया है।
एडीजी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में जो कार्रवाई हुई है, उसके परिणाम भी आने लगे हैं। अभी तक जो माफिया चिन्हित किए गए हैं, उनकी लगभग 2827 करोड़ की सम्पत्ति जब्त और ध्वस्त की जा चुकी है। इनके ठेके और टेंडर से जो नुकसान हुआ है, उसकी राशि लगभग 15 सौ करोड़ रुपये है। इस दौरान माफियाओं और साथियों को दंडित कराया है, उसकी संख्या 48 है।
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एडीजी लाॅ एंड ऑर्डर ने बताया कि माफिया अतीक अहमद को पहली बार कोर्ट से सजा सुनाई गई है। उसे राजूपाल हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण के आरोप में सजा हुई है। न्यायालय ने यूपी पुलिस के द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और तमाम गवाहों के बयानों और अभियोजन पक्ष की पैरवी पर अतीक सहित तीन दोषियों को उम्रकैद और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अभियुक्तों से मिली राशि पीड़ित परिवार को सौंपी जाएगी। एडीजी ने कहा कि शासन ने जनता में कानून का भरोसा बढ़ाया है। प्रदेश में कोई भी अपराधी बचेगा नहीं। यूपी के हर जिलों में माफियाओं पर कार्रवाई जारी है। हमने माफियाओं को मिटाने की प्रतिज्ञा ले रखी है।
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