पटनाः राजधानी पटना के पटना साहिब में सिखों के दसवें व आखिरी गुरु गोविंद सिंह के 354वें प्रकाशोत्सव में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दशमेश गुरु की जन्मस्थली तख्त श्रीहरिमंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यहां आकर मत्था टेका और प्रबंधक समिति से मिलकर तैयारियों और कार्यक्रम का जायजा लिया, साथ ही राज्यवासियों की भलाई की प्रार्थना की। इस दौरान मुख्यमंत्री को सरोपा भेंट किया गया। कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखा गया था। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे थे। इससे पहले सीएम ने ट्वीट कर कहा था कि दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह की 354वीं जयंती के अवसर पर समस्त राज्यवासियों एवं देशवासियों विशेषकर सिख भाई-बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
सीएम नीतीश ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज का योगदान, त्याग और बहादुरी पूरे विश्वभर में कोई भी भूला नहीं सकता है। वे हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। गुरु गोविंद सिंह का जीवन त्याग और बलिदान का प्रतीक था। वे दूसरों की सेवा के लिए समर्पित रहते थें। उनका मानना था कि समाज में शांति बहाल करना और आपसी भाईचारे की बेहद जरूरत है। कोरोना की वजह से इस बार यहां कम लोग जुटे हैं, लेकिन फिर भी देशभर से लोग यहां पहुंचे है। 350वें प्रकाश वर्ष से जो एक सिलसिला शुरु हुआ था वह लगातार जारी है। राजगीर के शीतलकुंड जहां गुरुगोविन्द सिंह गए थे, उसको भी विकसित किया जा रहा है, जल्द ही तैयार हो जायेगा। किसान आंदोलन के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम ने कुछ भी नहीं कहा और बिना जवाब दिये चले गए।
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उल्लेखनीय है कि गुरु गोविंद सिंह का 350वां प्रकाश पर्व जबर्दस्त धूमधाम से मनाया गया था। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार निगरानी की थी। उन्हीं के निर्देशन में ऐसा उत्सव मनाया गया कि देश-विदेश से आए सिख श्रद्धालु वाह-वाह कर उठे थे। 350वें प्रकाशोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत किया था। इस उत्सव के जरिये बिहार के प्रति लोगों की धारणा बदलने में भी मदद मिली।