केनरा बैंक में 4.80 करोड़ फर्जीवाड़े का मामला: चार कर्मचारियों सहित नौ आरोपित बरी

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anara Bank fraud: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 4.80 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में केनरा बैंक के चार कर्मचारियों समेत नौ आरोपियों को बरी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश हसन अंजार ने कहा कि अभियोजन पक्ष बेहद लापरवाही से जांच कर आरोपों को साबित करने में विफल रहा है।

इन्हें बरी करने का आदेश

कोर्ट ने हरप्रीत फैशन प्राइवेट लिमिटेड, मोहनजीत सिंह मुटनेजा, गुंजीत सिंह मुटनेजा, हरप्रीत कौर मुटनेजा, हरमिंदर सिंह, रमन कुमार अग्रवाल, दरवान सिंह मेहता, टीजी पुरुषोत्तम और सीटी रामकुमार को बरी करने का आदेश दिया है। इस मामले में 2011 में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें केनरा बैंक के साथ 4 करोड़ 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप था। इस मामले की सुनवाई 2015 में शुरू हुई थी।

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सीबीआई के अनुसार, इस मामले में आरोपियों ने 2003 से 2007 के बीच चार आपराधिक साजिशें रची थीं। बैंक से लोन लेने के बाद 47 अलग-अलग चेक के जरिए हरप्रीत फैशन की सहयोगी कंपनियों में पैसे डायवर्ट किए गए।

मामले में कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा कि बैंक द्वारा किसी कंपनी के लिए चेक जारी करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता। आरोपी कंपनी द्वारा अपनी सहयोगी कंपनियों में पैसे डायवर्ट करना अपराध होता, अगर उस पैसे का इस्तेमाल न किया गया होता। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के बैंक खातों और बैंक स्टेटमेंट की जांच तक नहीं की। सीबीआई ने न तो आरोपी कंपनी के किसी कर्मचारी से पूछताछ की और न ही कोई गवाह पेश किया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने कुछ चेक पेश किए और कहा कि फंड डायवर्ट किए गए।

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