Saturday, November 30, 2024
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मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले में NIA ने दाखिल किया आरोप पत्र, जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे

नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले में लाओस स्थित ‘लॉन्ग शेंग’ कंपनी के सीईओ के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र में सुदर्शन दराडे को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसी साल जून में एनआईए ने सुनील दराडे को मुंबई से गिरफ्तार किया था। दराडे इस मामले में आरोपित होने वाले छठे आरोपी हैं और जेरी जैकब और गॉडफ्रे अल्वारेज़ के बाद गिरफ्तार होने वाले तीसरे आरोपी हैं। यह जानकारी एनआईए ने दी।

फोन में मिली कई आपत्तिजनक चीजें

एनआईए की ओर से जारी बयान के मुताबिक दराडे के मोबाइल फोन से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है। दराडे ने एनआईए को एक अन्य वांछित आरोपी सनी गोंजाल्विस के साथ-साथ विदेशी नागरिक निउ निउ और एल्विस डू के बारे में भी जानकारी दी है, जो अभी फरार हैं। एनआईए इन फरार लोगों के बारे में मिली जानकारी की जांच कर रही है।

नौकरी देने के नाम युवाओं को बनाते थे निशाना

एनआईए की जांच में पता चला है कि दराडे की कंपनी ‘लॉन्ग शेंग’ लाओस पीडीआर के बोकेओ प्रांत में स्थित है। यह कंपनी बैंकॉक के रास्ते गोल्डन ट्राइंगल लाओस पीडीआर में युवाओं की तस्करी से जुड़े रैकेट में सक्रिय रूप से शामिल थी। नौकरी देने के बहाने यह कंपनी व्हाट्सएप के जरिए इंटरव्यू लेती थी और युवाओं को नियुक्ति पत्र भेजती थी। यहां पहुंचकर उन युवाओं को ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता था। दराडे के निर्देश पर जैकब भारतीय युवाओं को गोल्डन ट्राइंगल लाओस ले जाने की व्यवस्था करता था।

यह भी पढ़ेंः-Cyber ​​crime के खिलाफ सख्त हुई मोदी सरकार, शाह बोले- तैयार होंगे 5 हजार साइबर कमांडो

NIA ने जांच में किए कई चौंकाने वाले खुलासे

एनआईए के मुताबिक जांच में पता चला है कि जब तस्करी किए गए युवा गोल्डन ट्राइंगल में साइबर धोखाधड़ी में शामिल होने से इनकार करते थे, तो उन्हें कमरों में बंद करके भूखा रखा जाता था और पीटा जाता था। सोशल मीडिया पर संभावित पीड़ितों से दोस्ती करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने पर कुछ युवाओं को बिजली के झटके भी दिए गए। एनआईए ऐसे युवाओं और पीड़ितों के लगातार संपर्क में है। एनआईए युवाओं को रोजगार के लिए असत्यापित अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में शामिल होने के खतरों के बारे में भी चेतावनी दे रही है।

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