नई दिल्ली: केरल में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केरल के मलप्पुरम जिले में तो पॉजिटिविटी दर 17 प्रतिशत से अधिक है। यहां से ही देश के 20 प्रतिशत मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक केरल में न तो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है और न ही कंटेनमेंट के उपाय ठीक से किए जा रहे हैं। वहां आरटीपीसीआर टेस्ट का प्रतिशत भी सिर्फ 20 प्रतिशत है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भेजी गई टीम ने वहां की स्थिति की समीक्षा की है। रिपोर्ट के मुताबिक केरल में 91 प्रतिशत से ज्यादा कोरोना के मरीज घर पर ही एकांतवास में रखे गए हैं और इनकी निगरानी भी सुनिश्चित नहीं की गई है। कोरोना मरीजों के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी नहीं की जा रही है। कोरोना रोधी टीका का कार्यक्रम भी काफी धीमी गति से चल रहा है।
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मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि केरल सरकार को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए छोटे कंटेनमेंट जोन बनाने को कहा गया है। वहां स्थिति विस्फोटक है। एक ही जिले में 17.26 प्रतिशत पॉजिटिविटी दर है। ऐसे में सरकार को तुरंत सख्त कदम उठाने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को केरल में कोरोना के 23,676 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 148 मरीजों की मौत हो गई।