रांची: चतरा पुलिस ने 30 पुलिसकर्मियों की हत्या और 46 कांडों में वांछित 15 लाख के ईनामी भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली रमेश गंझु उर्फ आजाद को गिरफ्तार किया है। उसके पास से डेढ़ लाख रुपया बरामद किया गया। आजाद भाकपा माओवादी का रीजनल कमेटी सदस्य भी है।
एसपी राकेश रंजन को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने कार्रवाई करते हुए लावालौंग थाना क्षेत्र के बरवाडीह जंगल से आजाद को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नक्सली आजाद पर 15 लाख रुपये का इनाम है। चतरा, लातेहार, पलामू, गया,औरंगाबाद समेत झारखंड-बिहार के कई जिलों की पुलिस को आजाद की तलाश थी।आजाद पुलिस के जवानों की हत्या कर पेट मे लैंडमाइंस लगाने का भी मास्टरमाइंड है। आजाद ने 20 वर्षो में 30 से अधिक जवानों और ग्रामीणों की हत्या किया है। झारखंड-बिहार के विभिन्न थानों में आजाद के खिलाफ 46 मामले दर्ज है।
एसपी राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी संगठन के कुख्यात नक्सली आजाद पार्टी में युवाओं को प्रोत्साहित करने और पार्टी का प्रचार प्रसार कर संगठन में शामिल करने के लिए लगा हुआ है। आजाद वर्तमान में लावालौंग और चतरा क्षेत्र में सक्रिय है।अफीम माफियाओं और अन्य लोगों को डरा धमकाकर लेवी वसूली का काम कर रहा है। सूचना मिलने के बाद सिमरिया डीएसपी अशोक रविदास के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया और नक्सली आजाद को गिरफ्तार कर लिया गया।
टीम में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अशोक रविदास, सचिन कुमार दास, गोविंद कुमार, विवेक कुमार, बंटी यादव, मुकेश कुमार, रामदेव वर्मा सीआरपीएफ 190 बटालियन के जवान, सैट 50 के जवान शामिल थे।
इन घटनाओं को दिया था अंजाम
-चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र में साल 2021 में पुलिस टीम पर एंबुश लगाकर हमला कर दिया था। जिसमें तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। बाकी जवान बुरी तरह से घायल हुए थे। नक्सलियों ने पुलिस के वाहन समेत सात वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। पांच राइफल लूट कर भाग गए थे।
-लातेहार जिला स्थित बूढ़ा पहाड़ के आसपास साल 2011- 12 में आराम कर रहे पुलिसकर्मियों के ऊपर नक्सलियों ने हमला कर दिया था। जिसमें दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।
-चतरा जिला वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र में साल 2019 में आजाद और उनके दस्ता ने राकेश सिंह के दो हाईवा और और एक पोकलेन मशीन में आग लगा दी थी।
-साल 2011 के मार्च में पलामू के पांकी थाना क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। जिसमें तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए थे और दो माओवादी मारा गया था।
-साल 2012 में आजाद के दस्ते ने लातेहार के बालूमाथ थाना क्षेत्र पुलिस जीप के ऊपर बम से हमला किया था। जिसमें तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
-बिहार के औरंगाबाद थाना क्षेत्र में साल 2013 में नक्सलियों ने पुलिस के कैंप में तीन स्कॉर्पियो को घुसा दिया था। जिसमें एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे और 30 राइफल को नक्सलियों ने लूट लिया था।
-साल 2013 में लातेहार जिला के बरवाडीह में आजाद के दस्ते ने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया था। जिसमें 14 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
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-पलामू के विश्रामपुर थाना क्षेत्र में साल 2014 में आजाद जी और 200 अन्य नक्सलियों ने छोटकी कोरिया गांव में रामचरण साहू के घर में आराम कर रहे टीपीसी उग्रवादियों पर हमला कर दिया था। जिसमें 16 व्यक्ति मारे गए थे।
-गया जिले के आमस थाना क्षेत्र में साल 2018 में आजाद जी समेत 20 से 25 नक्सलियों ने मुखबिरी करने के आरोप में चौकीदार राजेश्वर पासवान की घर से निकाल कर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
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