नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) देश के 30 हजार ग्राम प्रधानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित करेगा। इसके लिए 750 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
तोमर ने मंगलवार को प्राकृतिक खेती पर मास्टर प्रशिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती पद्धति किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। तोमर ने कहा कि देश में परंपरागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहल की है। प्राकृतिक खेती के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गत 16 दिसंबर को गुजरात में प्राकृतिक खेती पर एक वृहद राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें लाखों किसान जुड़े थे।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती बाहरी आदानों पर किसानों की निर्भरता को कम करने, खेती की लागत घटाने व किसानों की आय बढ़ाने का आशाजनक साधन है। सरकार पारंपरिक स्वदेशी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) की उपयोजना के रूप में भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) को बढ़ावा दे रही है। आगामी दिनों में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर देशभर में 30 हजार ग्राम प्रधानों के लिए 750 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही अपने-अपने राज्यों में प्राकृतिक खेती की पहल को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे। तोमर ने कहा कि 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को प्राकृतिक खेती के तहत कवर किया गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में भी घोषणा की गई है। राज्यों में विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती संबंधी पाठ्यक्रम को शामिल करने को लेकर कमेटी बनाई गई है।
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