जैन आचार्य की हत्या कर्नाटक सरकार की हिंदू विरोधी नीति का है परिणाम, बोली विहित

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नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (VHP) के केंद्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने रविवार को कहा कि बुधवार को कर्नाटक के बेलगावी के चिकोडी में दिगंबर जैन मुनि आचार्य काम कुमार नंदी की निर्मम हत्या ने पूरे भारत के धार्मिक और आध्यात्मिक जगत को झकझोर कर रख दिया है।

परांडे ने रविवार को जारी एक बयान में इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले जैन आचार्य का जिहादियों द्वारा अपहरण और फिर उनके शरीर को खंडित करना राज्य की कांग्रेस सरकार की हिंदू विरोधी नीतियों का परिणाम प्रतीत होता है. जैन मुनि पिछले 15 वर्षों से आनंद पर्वत पर रहकर स्थानीय समाज की सेवा कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि जब से कर्नाटक में नई सरकार के मंत्रियों ने कभी गोहत्या विरोधी तो कभी धर्मांतरण विरोधी कानूनों को हटाने की बात कही है, तब से राज्य में धर्म विरोधी और राष्ट्र विरोधी ताकतों का दुस्साहस बढ़ गया है. इन असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाकर हत्यारों और उनके सहयोगियों को तुरंत फांसी दी जानी चाहिए। परांडे ने कहा कि हिंदू विरोधी नीति के कारण आज प्रदेश में न तो साधु सुरक्षित हैं और न ही भारतीय समाज सुरक्षित है। छुट्टियाँ घूम रही हैं तो इस्लामिक जिहादी हैं। विहिप महासचिव परांडे ने मांग की कि कांग्रेस सरकार को इस घटना पर हिंदू और जैन समुदाय से माफी मांगकर अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता से बाहर आना चाहिए।

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