Sunday, November 24, 2024
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Homeअन्यजरा हटकेइस नाइट क्लब में संस्कृत के गानों व भजनों पर झूमते हैं...

इस नाइट क्लब में संस्कृत के गानों व भजनों पर झूमते हैं लोग, धूम्रपान व शराब पीना भी यहां है मना

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नई दिल्लीः नाइट क्लब्स में तेज म्यूजिक पर गाने बजना और युवाओं का थिरकना आम बात है। आमतौर पर नाइट क्लबों में हिंदी, पंजाबी और अंग्रेजी के गाने बजाए जाते हैं, लेकिन अगर हम आपको कहें कि एक क्लब ऐसा भी है, जहां संस्कृत के गाने व भजन बजाए जाते हैं तो यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो जायेगा। लेकिन यह एकदम सच बात है।

यह नाइट क्लब है अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में। इस क्लब का नाम है ग्रोव। वैसे तो यह जगह आम नाइट क्लबों की तरह ही दिखता है लेकिन यहां कई चीजें इसे दूसरे क्लबों से अलग बनाती हैं। यहां करीब 800 लोग एक साथ डांस कर सकते हैं। दरअसल, साल 2012 में भारतीय राजनायिक विश्वनाथन ने अर्जेंटीना के दौरे के दौरान इस क्लब में गए थे और यहां के अपने शानदार अनुभव को साझा भी किया था।

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आध्यात्मिक गानों पर थिरकते हैं लोग –

इस क्लब में आने के बाद आपको कुछ ऐसा अहसास होगा कि आप किसी ऐसी जगह आ गए हैं, जहां तेज म्यूजिक पर संस्कृत भजन व हरे रामा-हरे कृष्णा, गोविंदा-गोविंदा, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो जैसे ईश्वर के भजनों पर युवाओं के कदम अपने आप ही थिरकने लगते हैं। इस नाइट क्लब में आने वाले लोगों का मानना है कि यहां आने पर मन को शांति मिलती है और शरीर व आत्मा के बीच एक संबंध स्थापित होता महसूस होता है।

क्लब में नहीं मिलती शराब व नाॅनवेज –

एक और बात इस क्लब को दूसरे क्लबों से अलग बनाती है कि यहां आने वाले लोगों को शराब नहीं परोसी जाती। इतना ही नहीं, खास बात है कि यहां आपको नाॅनवेज फूड भी नहीं मिलेगा। क्लब में रिफ्रेशमेंट के लिये लोग फलों का ताजा जूस पीते हैं। इसके अलावा यहां साॅफ्ट ड्रिंक्स भी उपलब्ध रहते हैं।

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