मुरादाबादः आठ वर्ष पूर्व धर्म बदलकर दूसरे संपद्राय की युवती से शादी करने वाले युवक को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। युवक पहले ही शादीशुदा है और उसके बच्चे भी है। असलियत जाहिर होने पर युवक ने युवती को जान से मारने की धमकी दी और दुष्कर्म करता रहा। मंगलवार शाम को एससी-एससी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार प्रथम ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने के आदेश दिए है। पीड़िता की ओर से विशेष लोक अभियोजक आंनद पाल सिंह ने कोर्ट में दलील रखीं।
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ऐसे फंसाया जाल में
धोखे से दूसरे धर्म की युवती से शादी का मामला संभल के नाखासा का है। गांव रिठाली की युवती को संभल के मनोटा क्षेत्र के एक युवक ने प्रेम जाल में फांस लिया। युवक ने अपना बब्बू पुत्र हरदयाल सिंह बताया था और दोनों में प्यार हो गया। फिर 11 मई 2014 को हिन्दू रीति रिवाज से शादी कर ली। युवक उसे अमरोहा ले गया और किराए का कमरा लेकर दोनों रहने लगे। शादी के बाद युवक के हाव-भाव देखे तो शक हुआ पर युवक ने बचपन में बीमारी की बात कहकर उसे राजी कर लिया। लेकिन एक दिन युवक के ड्राइविंग लाइसेंस में उसका नाम पता देख असलियत सामने आ गई।
आरोप है कि युवती ने गांव जाने की जिद की तो कमरे में बंद कर दिया और जान से मारने की धमकी। उससे मारपीट की और दुष्कर्म करने लगा। किसी तरह से चंगुल से निकली पीड़िता ने चार महीने बाद घटना की रिपोर्ट 09 सितंबर 2014 को नाखासा थाने में लिखाई। आरोप लगाया कि बब्बू पुत्र मुख्तार ने अपना नाम व धर्म बदलकर पहले दोस्ती की और फिर शादी कर ली। केस की सुनवाई एससी-एसटी कोर्ट की विशेष न्यायाधीश की अदालत में हुई।
कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
विशेष लोक अभियोजक आंनद पाल सिंह ने कोर्ट में दलील रखी। उन्होंने कहा कि युवक ने धर्म बदलकर महिला को धोखा देकर शादी रचा ली। जब असलियत की जानकारी हुई तो मारपीट व दुष्कर्म पर आमादा हो गया। यही नहीं आरोपित के पहले से बच्चे हैं। अदालत ने दोनों पक्ष सुनने के बाद बब्बू को दोषी करार दिया। अदालत ने दुष्कर्म में सात साल की सजा व विभिन्न धाराओं में सजा दी। उस पर 19 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
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