अमरावती: देश के करोड़ों लोगों को रियो ओलंपिक में रजत पदक जीत चुकीं भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु के टोक्यो ओलंपिक में पिछली बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक जीतने का इंतजार है। हैदराबाद में पांच जुलाई 1995 को जन्मीं सिंधु को टोक्यो में और पदक लाने की उम्मीद है। सिंधु के लिए खेल और पदक जीतना कुछ नया नहीं है, क्योंकि उनके माता-पिता पूर्व वालीबॉल खिलाड़ी रहे हैं। उनके पिता पीवी रमन ने 1986 सोल एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था।
सिंधु ने 17 वर्ष की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया था। 26 वर्षीय सिंधु 2013 से भारतीय राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रही हैं। सिंधु ने जूनियर बैडमिंटन खिताब जैसे ऑल इंडिया रैंकिग चैंपियनशिप, सब जूनियर नेशनल्स के खिताब जीते हैं और उन्होंने सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
उन्होंने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था। सिंधु टोक्यो में भारत के लिए पदक जीतने की दावेदारों में से एक हैं। हाल ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सिंधु से मुलाकात कर उन्हें टोक्यो ओलंपिक के लिए अपनी शुभकामनाएं दी थीं और पांच लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी थी।
प्रोत्साहन राशि के अलावा रेड्डी ने सिंधु को विशाखापत्तनम में एक बैडमिंटन अकादमी स्थापित करने के लिए दो एकड़ भूमि आवंटित करने के सरकारी आदेश के दस्तावेज भी सौंपे थे। सिंधु ने स्थानीय चैनल से कहा था, “मैं आंध्र और तेलंगाना सरकार को धन्यवाद देना चाहती हूं। जब भी मुझे किसी तरह की मदद और टूर्नामेंट के लिए छुट्टी की जरूरत पड़ी। मुझे यह प्रदान किया गया। ये एक खिलाड़ी की जरूरतों को समझते हैं तथा उनका समर्थन करते हैं।”
उन्होंने कहा, “सभी राज्य में कई युवा हैं। हमें बस उन्हें प्रेरित कर उनका समर्थन करना चाहिए तथा इन्हें सभी अभ्यास कराकर उनका मार्गदर्शन करना चाहिए।” रियो ओलंपिक में रजत पदक जीत चुकीं सिंधु ने भरोसा जताया है कि वह टोक्यो में भी पदक जीतेंगी।