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मोटा अनाज के लिए तैयार हो रहे बाजार, सरकार कार्यक्रमों के जरिए किसानों को कर रही प्रोत्साहित

Markets-being-created-for-coarse-grains लखनऊः मोटे अनाजों को खरीदनें के लिए बाजार तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए एक ओर बड़ी तेजी के साथ अपनी पुरानी पहचान को अपनाए जाने के लिए किसान और व्यापारी कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी ओर सरकार मोटे अनाज को विश्व बाजार तक पहुंचाने के लिए संसाधन जुटा रही है। तमाम उम्मीदों के साथ राजधानी लखनऊ में किसानों को मोटा अनाज के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए तमाम आयोजन किए जा रहे हैं। मोटे अनाजों की तरफ लोग धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। यह शुगर से मुक्ति दिलाने के अलावा हृदय रोगों से सुरक्षा करने में मददगार है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रखता है। बताया जाता है कि मोटे अनाजों के उत्पादन में पानी भी कम लगता है। आने वाले समय में अपने गुणों और उपयोगिता के कारण मोटे अनाजों की मांग बढ़ेगी और इससे उत्पादन भी बढे़गा। इस मोटे अनाज को खपाने के लिए आने वाले समय में कहीं दिक्कतें न हों, इसे खरीदने के लिए विश्व में बाजारों की तलाश की जा रही है। कई देशों में इसकी मांग भी बढ़ रही है। इससे संबंधित बयान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने अभी हाल में ही जारी किया है। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा एवं लोक भारती के संयुक्त तत्वाधान में किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इसमें मोटे अनाजों के प्रति किसानों को जागरूक किया गया। पूर्व में यूपी के कई बड़े नेताओं को सरकारी खर्च पर विदेशों में भेजा गया था। इनमें कई को जिम्मेदारी दी गई थी कि वह विश्व मेें मोटे अनाज के लिए बाजार तैयार करें। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने किसानों की चिंता दूर करने हुए कहा कि किसान मोटा अनाज तैयार करें। वह इसे खपाने की चिंता छोड़ दें। मोटा अनाज के लिए सरकारी स्तर पर कृषि विभाग ने गांवों में किसानों से तालमेल बनाने के लिए विशेषज्ञों को लगाया है। आने वाले दिनों में मक्का, उड़द और मूंग बोया जाना है। इन फसलों के लिए वैज्ञानिक सुझाव देने लगे हैं। सरकार की गाइडलाइन है कि किसान अच्छे बीज की खरीददारी करें। ब्लाक स्तर पर बनाए गए बीज क्रय केंद्रों को जिम्मेदारी दी गई है कि सस्ते दाम पर बीजों की बिक्री करें। मोहनलालगंज, सरोजनीनगर, बख्शी का तालाब व काकोरी आदि क्षेत्रों में इस बार मक्के का रकबा बढ़ने वाला है। लखनऊ के पिपरसंड और जैतीपुर में सई नदी के तटों पर इस बार पिछले साल से ज्यादा मक्का बोया जाएगा। मलिहाबाद और रहीमाबाद में कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को इस साल कई बार कार्यशालाओं में मोटा अनाज के लाभ और सरकारी मदद की जानकारियां दे चुके हैं। शहर में गोमती नदी के तट पर बने रिवरफ्रंट पर मोटा अनाज से जुड़ा एक मेला लगाया जा रहा है। दो दिन चलने वाले इस आयोजन में 28 और 29 मार्च को श्रीअन्न को लोकप्रिय बनाने की कसरत की जाएगी। यहां बनाए जाने वाले व्यंजन इतने लजीज होंगे कि आम आदमी खुद मोटे अनाज की मांग बढ़ा देगा। शहर के तमाम जनरल स्टोर में मक्का और मूंग की बिक्री भी बढ़ गई है। फड़ यानी मंडी में बैठे व्यापारियों के पास ऐसा अनाज भी अभी से दिखने लगा है। ये भी पढ़ें..चना व गुड़ खाने से 40 से अधिक लोग बीमार, सरहुल... जायद फसलों के लिए मिले 15 करोड़ - जायद फसलों का आच्छादन बढ़ाने के लिए सरकार ने 15.31 करोड़ की वित्तीय मंजूरी दे दी है। बुधवार 22 मार्च को लिए गए फैसले से कृषि विभाग के दफ्तरों से लेकर कृषि निदेशालय तक खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यदि सरकारी दावे खरे उतरे, तो इस बार प्रदेश में मोटे अनाज की पैदावार दोगुने से भी अधिक हो जाएगी। कृषि विभाग की ओर से 20 मार्च से ब्लॉक स्तर पर स्टॉल लगाकर मोटे अनाजों के बीज तथा कृषि यंत्र बांटे जा रहे हैं। इन सुविधाओं के लिए किसानों को 50 फीसदी रकम अनुदान पर दिए जा रहे हैं। श्रीअन्न के बीज तथा कृषि यंत्रों से किसानों को केंद्रों में परिचित भी कराया जा रहा है। खेती के संसाधनों पर आने वाले धन को सरकार ने जारी भी कर दिया है। यह रकम इसी माह किसानों के खातों में अनुदान के रूप में पहुंच जाएगी। इसके अलावा कृषि मंत्री ने आपदा प्रभावित किसानों को त्वरित राहत देने का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने बताया कि किसानों की आय को बढ़ाने के महाभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के मद्देनजर श्रीअन्न के आच्छादन तथा उत्पादन को बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इस बार किसानों की आय बढ़ाने के लिए बीज खरीदने वाले किसानों को इसी माह उनके आधार लिंक खाते में अनुदान राशि पहुंचाने की कोशिश अभी से चल रही है। ऐसे किसान जो सरकारी स्टॉल या बाजार से अधिसूचित कंपनियों से मोटे अनाज के बीज खरीदने पर उनके बिल तुरंत पोर्टल पर अपलोड कर दिए जाएंगे। इससे कि अनुदान राशि तत्काल उनके डीबीटी खातों में ट्रांसफर करने में आसानी होगी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)