Featured आस्था

मार्गशीर्ष प्रारंभः जानें इस माह पड़ने वाले व्रत एवं त्यौहार

नई दिल्लीः कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही कार्तिक मास का समापन हो चुका है और शनिवार 20 नवंबर से नए हिंदी माह मार्गशीर्ष का प्रारंभ हो चुका है। मार्गशीर्ष का समापन अब 19 दिसंबर को पूर्णिमा तिथि के साथ होगा। इस महीने में कई व्रत और त्यौहार पड़ेंगे। वैसे इस माह में कोई बड़ा पर्व नहीं है, लेकिन तिथि के अनुसार कई व्रत मार्गशीर्ष माह में आने वाले हैं। तो आइए जानते हैं, किस तिथि पर कौन से भगवान के लिए व्रत रखा जाएगा।

मार्गशीर्ष माह में व्रत और त्यौहार

23 नवंबर संकष्टी चतुर्थी- संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश जी को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को ये व्रत रखा जाता है।
27 नवंबर कालाष्टमी- कालाष्टमी को काल भैरव जयंती भी कहा जाता है। ये व्रत काल भैरव भगवान के लिए रखा जाता है। हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है।
30 नवंबर उत्पन्ना एकादशी व्रत- वर्ष के प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को एकादशी मनाई जाती है। इस प्रकार मार्गशीर्ष महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-उपासना की जाती है।
02 दिसंबर को प्रदोष व्रत- भगवान शिव को समर्पित ये व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन रखा जाता है।
02 दिसंबर मासिक शिवरात्रि- ये भी भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसे कृष्ण पक्ष माह के चतुर्दशी को रखा जाता है।
04 दिसंबर अमावस्या- इस बार अमावस्या के साथ-साथ सूर्य ग्रहण भी लगेगा। ये साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है। सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा के आने की वजह से सूर्यग्रहण लगता है। इस दौरान चंद्र और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है। सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन लगता है।
05 दिसंबर-चंद्र दर्शन
07 दिसंबर विनायक चतुर्थी- हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश जी की पूजा-उपासना की जाती है।
08 दिसंबर विवाह पंचमी- धार्मिक ग्रंथों की मानें तो मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता सीता का स्वयंवर और विवाह संपन्न हुआ था। हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी मनाया जाता है।
09 दिसंबर चंपा और स्कन्द षष्ठी- इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
11 दिसंबर मासिक दुर्गाष्टमी- शुक्ल पक्ष की अष्टमी को दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। इसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है।

यह भी पढ़ें-सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन आज, पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी बधाई

14 दिसंबर गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है।
15 दिसंबर-मत्स्य द्वादशी
16 दिसंबर- मासिक कार्तिगाई दीपम
16 दिसंबर धनु संक्रांति व प्रदोष व्रत- सूर्य देव का एक राशि से निकलकर दूसरे राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है। वहीं, शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन भी प्रदोष व्रत किया जाता है।
18 दिसंबर- दत्तात्रेय जंयती
18 दिसंबर- पूर्णिमा व्रत
19 दिसंबर मार्गशीर्ष पूर्णिमा- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और अगले दिन से पौष माह की शुरुआत होगी।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)