नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन अधिकारियों के लिए सजा की मांग की जिन्होंने एमसीडी चुनाव से पहले मोहल्ला क्लीनिकों के काम में बाधा डालने की साजिश रची थी।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखे पत्र में कहा कि दिल्ली में लोगों को परेशान करने के लिए निकाय चुनाव से पहले एक साजिश रची गई थी। आप जानते हैं कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए मोहल्ला क्लीनिकों में हर महीने करीब 15 लाख लोगों का इलाज होता है। एमबीबीएस डॉक्टरों द्वारा निशुल्क जांच की जा रही है और क्लीनिक में मरीजों को निशुल्क दवाइयां दी जा रही हैं। एमसीडी चुनाव से ठीक पहले मोहल्ला क्लीनिकों के सारे प्रबंधन और कारोबार को बंद करने की साजिश रची गई थी।
डिप्टी सीएम ने पत्र में यह भी जिक्र किया कि दिल्ली सरकार के कुछ अधिकारी जानबूझकर फाइलों में इस तरह से बाधा डालते हैं कि मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों को एमसीडी चुनाव से पहले दो महीने का वेतन अक्टूबर और नवंबर का नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने पत्र में आरोप लगाया कि यहां तक कि मोहल्ला क्लीनिक में होने वाले सभी टेस्ट भी बंद कर दिए गए ताकि अगर कोई डॉक्टर क्लिनिक पर आए तो वे मरीजों का कोई टेस्ट न कर सकें। सिसोदिया ने कहा कि इतना ही नहीं, किराए के मकान पर चल रहे क्लीनिकों का बिजली बिल भी नहीं चुकाया गया और किराया भी नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा, जब मैंने उन अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने इन सभी प्रकरणों के पीछे कुछ तकनीकी कारण बताए।
पत्र में कहा गया है कि एमसीडी चुनाव के दो महीने पहले मोहल्ला क्लीनिकों के वेतन और अन्य भुगतान में बाधा डालने की यह बड़ी साजिश का हिस्सा था। डिप्टी सीएम ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से उन अधिकारियों की पहचान कर उन्हें तत्काल निलंबित करने का आग्रह किया है। सिसोदिया ने पत्र में कहा कि यदि आप उन अधिकारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं, तो लोग आरोप लगाएंगे कि आपकी ओर से अधिकारियों द्वारा साजिश रची जा रही थी।
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